(Pi Bureau)
RBI bars Kotak Bank प्रौद्योगिकी आधारित बैंकिंग व वित्तीय सेवा देने वाले बैंकों व वित्तीय कंपनियों पर आरबीआई की सख्ती जारी है। अब आरबीआई ने निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक कोटक महिंद्रा बैंक के ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग पर रोक लगाते हुए बैंक को इनके जरिए नये ग्राहक बनाने से मना कर दिया है। साथ ही बैंक को नये क्रेडिट कार्ड जारी करने से भी रोक दिया गया है। यह कार्रवाई आरबीआई ने वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) से संबंधित जांच में पाई गई गड़बड़ियों और इसे समय पर व प्रभावशाली तरीके से बैंक के असफल होने की वजह से की है।
आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि उक्त दो निर्देशों के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों (क्रेडिट कार्ड धारकों समेत) को दूसरी हर तरह की बैंकिंग सेवा देना जारी रखेगा। आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक में पाई गई खामियों को गंभीर किस्म का करार दिया है।
बुधवार (24 अप्रैल) को जारी निर्देश में कहा गया है कि आइटी इंवेट्री प्रबंधन, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, ग्राहकों के अधिकारी संबंधी प्रबंधन, डाटा सुरक्षा, डाटा लीक होने पर उसकी रोकथाम के प्रबंधन, आपदा की स्थिति में ग्राहकों के डाटा को सुरक्षित रखने संबंधी प्रबंधन पुख्ता नहीं है और इनमें जिन खामियों को दूर करने को लेकर आरबीआई ने जो सुझाव बैंक को दिए थे, उन्हें दूर करने के लिए उठाए गए कदमों से केंद्रीय बैंक संतुष्ट नहीं था।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लगातार दो वर्षों तक बैंक की खामियों का पता चला और इसे दूर करने के लिए जो कार्रवाई करनी थी वह नहीं की गई। आरबीआई ने कहा है कि, “खामियों के दूर करने के लिए अनुपालन योजना पर जो कदम उठाये गये थे वह या तो अपर्याप्त थे, गलत थे या अस्थिर थे।” यह कोटक महिंद्रा बैंक पर बहुत ही बड़ा इल्जाम है और बताता है कि ग्राहकों के हितों की रक्षा को लेकर उसका प्रबंधन कितनी कोताही बरत रहा है।
आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता पर भी सवाल उठा दिया है। यह भी कहा है कि इसमें खामी होने की वजह से ही इसमें लगातार समस्याएं आ रही हैं। 15 अप्रैल, 2024 को बैंक की ऑनलाइन सेवा इन खामियों की वजह से ही काफी प्रभावित हुई थी और इससे ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इन खामियों को दूर करने को लेकर बैंक के स्तर पर गंभीर नहीं होने के साथ ही आरबीआई ने इसके लिए पर्याप्त धन नहीं होने का भी परोक्ष तौर पर आरोप लगाया है।
आरबीआई ने कहा है कि एक तरफ पुरानी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा जबकि दूसरी तरफ बैंक में ऑनलाइन ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे दबाव बढ़ रहा है। अब जो प्रतिबंध लगाये गये हैं उनकी समीक्षा बैंक के स्तर पर उठाए जाने वाले कदमों के आधार पर की जाएगा।