(Pi bureau)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा चर्चाएं हैं कि राहुल गांधी एक मई को पर्चा भर सकते हैं। हालांकि इसकी पार्टी की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अमेठी सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को मैदान में उतारा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल 27 अप्रैल को अमेठी जा सकते हैं। राहुल गांधी अमेठी से नामांकन कर सकते हैं। वायनायड में मतदान के बाद राहुल गांधी अमेठी जा सकते हैं। आपको बता दें कि दूसरे चरण में 26 अप्रैल को केरल की हाई प्रोफाइल सीट वायनाड में मतदान होगा।
यहां से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने सीपीआई की नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन की महासचिव और पार्टी के महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा से उनका मुकाबला है। 2019 में राहुल गांधी ने वायनाड सीट से चार लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि अमेठी सीट से हार गए थे।
कार्यालय और गौरीगंज में लगे वाड्रा के पोस्टर
अमेठी के सियासी रण का रोमांच हर दिन बढ़ रहा है। कांग्रेस सपा गठबंधन से अभी तक दावेदार का एलान नहीं किया गया है। कांग्रेसियों का दावा है कि 26 अप्रैल के बाद राहुल गांधी यहां आएंगे, लेकिन, बुधवार की सुबह एक नया नजारा देखने को मिला।
गौरीगंज कस्बे समेत कांग्रेस कार्यालय पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि अमेठी की जनता करे पुकार, राबर्ट वाड्रा अबकी बार। यह पोस्टर गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के साथ ही पूरे कस्बे में लगाए गए हैं।
दरअसल, बीते चार अप्रैल को राबर्ट वाड्रा का एक बयान आया था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। क्योंकि 1999 के चुनाव में प्रियंका के साथ जब चुनाव प्रचार किया तो वह अमेठी ही था।
उस समय की राजनीति अलग थी। वाड्रा के इस बयान के बाद अब गौरीगंज में जगह-जगह पोस्टर लगने से सियासत तेज हो गई है। इसकी खास वजह यह है कि कभी गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को भाजपा की स्मृति जूबिन इरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से हरा दिया था।
अब जब 2024 के लिए चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। ऐसे में अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर हो रही है। पहले राबर्ट वाड्रा का बयान और अब पोस्टर लगाए जाने के पीछे का निहितार्थ तलाशने की कवायद चल रही है।