ऐसी डील करने के बजाय जेल में 9 साल की सजा काटूंगा, समझौते के सवाल पर इमरान खान ने कही ये बड़ी बात !!!

(Pi Bureau)

किसी भी समझौते से इनकार करते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह उन ताकतों के साथ किसी भी बातचीत में शामिल होने के बजाय और 9 साल जेल में बिताने के लिए तैयार हैं, जिन्होंने देश को ‘गुलाम’ बनाया है. अपने संदेश में इमरान खान ने देश पर ‘सबसे खराब तानाशाही’ थोपे जाने पर रोशनी डाली और अर्थव्यवस्था, शासन, लोकतंत्र और न्यायपालिका पर इसके हानिकारक असर की चेतावनी दी. ‘फर्जी और मनगढ़ंत मामले’ होने का दावा करने के साथ ही पिछले 9 महीने जेल में बिताने के बाद इमरान खान ने जरूरत पड़ने पर लंबे समय तक जेल में रहने का इरादा जताया.

इमरान खान ने एक बयान में कहा कि ‘अगर मुझे नौ साल या उससे अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा तो मैं जेल में रहूंगा, लेकिन मैं उन लोगों के साथ कभी कोई समझौता नहीं करूंगा जिन्होंने मेरे देश को गुलाम बनाया है.’ गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बाहर होने के बाद से 71 साल के पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को कई मामलों में सजा का सामना करना पड़ा है. जिसके कारण उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में कैद होना पड़ा. इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को प्रभावशाली सेना के साथ उनके मतभेद के बाद चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.

पीटीआई के सामने कई चुनौतियां
जिसके कारण उनके कई नेताओं की गिरफ्तारी और दबाव में दलबदल शामिल हैं. खासकर पिछले साल इमरान खान की गिरफ्तारी से पैदा हुई अशांति के बाद से उनकी पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. खान का बयान पीटीआई नेता शहरयार अफरीदी की टिप्पणी के बाद आया है, जिन्होंने कुछ राजनीतिक गुटों को छोड़कर बातचीत में शामिल होने की पार्टी की इच्छा पर जोर दिया था. उन्होंने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को ‘अस्वीकृत समूह’ कहकर खारिज कर दिया और पाकिस्तान के भविष्य के लिए सेना प्रमुख के साथ बातचीत करने की पीटीआई की प्रतिबद्धता दोहराई.

पीएमएन-एल और पीपीपी ने पीटीआई को दरकिनार किया
कथित बातचीत के संबंध में अटकलों को खत्म करते हुए पीटीआई नेता बैरिस्टर गौहर अली खान ने बाहरी संस्थाओं के साथ किसी भी बातचीत में पार्टी की रुचि न होने और इनकार करने की पुष्टि की. पीटीआई द्वारा समर्थित आजाद उम्मीदवारों ने 8 फरवरी के आम चुनावों के दौरान नेशनल असेंबली में 90 से अधिक सीटें हासिल कीं. हालांकि चुनाव के बाद पीएमएन-एल और पीपीपी द्वारा गठित गठबंधन ने पीटीआई को दरकिनार कर दिया, जिससे उसे संघीय सरकार बनाने से रोक दिया गया.

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