(Pi Bureau)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा उठाया. ममता ने इसे बीजेपी की राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा कि यूसीसी से हिंदुओं को कोई फायदा नहीं होगा. मुर्शिदाबाद जिले के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बैक-टू-बैक रैलियों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर मतदान के शुरुआती चरणों में हार के डर से विभाजनकारी रणनीति का सहारा लेने का आरोप लगाया.
ममता बनर्जी ने कहा, “जब भी चुनाव होते हैं, वे सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किसी न किसी मुद्दे का इस्तेमाल करते हैं. इस बार वे यूसीसी के बारे में बात कर रहे हैं और प्रचार कर रहे हैं कि यह एक विशेष समुदाय के खिलाफ है लेकिन यह यूसीसी राजनीतिक बयानबाजी के अलावा और कुछ नहीं है और इसमें हिंदू नहीं हैं.” बनर्जी ने कहा कि देश भर में भाजपा विरोधी भावना बढ़ रही है जो पहले दो चरणों के मतदान के बाद स्पष्ट हो गई है.
‘घबराहट में भाजपा’
उन्होंने कहा, “पहले दो चरणों में मतदान के पैटर्न और प्रतिशत को देखने के बाद, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि भाजपा हार गई है. शेष पांच चरणों में भी, उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा. भय और घबराहट ने भाजपा को जकड़ लिया है. भगवा खेमे की हार यह केवल समय की बात है.” टीएमसी प्रमुख ने बंगाल में भाजपा नेताओं पर राज्य में लगभग 26,000 स्कूली नौकरियों को रद्द करने में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “अगर किसी ने गलती की है तो उसे सुधारा जा सकता है, लेकिन 26,000 नौकरियां छीनना अस्वीकार्य है. यह भाजपा की एक चाल है. उस भाजपा को वोट न दें जिसने आपकी नौकरियां छीन ली हैं.”
‘बीजेपी लोगों की नौकरी खा रही’
पिछले हफ्ते, कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया को “अमान्य और शून्य” घोषित कर दिया, इसके माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद से सबसे अधिक बेरोजगारी दर होने के बावजूद भाजपा नेता “नौकरियां छीन रहे हैं”. ‘हम नौकरियां दे रहे हैं, 10 लाख से ज्यादा नौकरियां तैयार हैं.’