(Pi Bureau)
सियासत में चर्चाएं जीत – हार या फिर समीकरण की होती हैं, लेकिन देवीपाटन मंडल की सियासत में इतिहास बनाने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। यहां दलों ने ऐसा दांव चला है कि परिणाम चाहे जो हो, नया रिकॉर्ड बनना लगभग तय है। तीन संसदीय सीटों पर प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो चुकी है।
भले ही बसपा ने अभी एक ही संसदीय सीट बहराइच पर अपने पत्ते खोले हैं, लेकिन उसने दावेदारों को हरी झंडी दे दी है। मंडल में प्रत्याशियों के साथ ही पार्टियां भी इस बार संसदीय राजनीति में नई इबारत लिखने की ओर कदम बढ़ा रही हैं। एक संसदीय सीट तो दोहरा रिकॉर्ड गढ़ेगी।
गोंडा संसदीय सीट की बात करें तो भाजपा व सपा दोनों इस बार रिकॉर्ड बनाने की तैयारी किए हैं। भाजपा को जीत मिले तो पार्टी की हैट्रिक होगी, वहीं प्रत्याशी को जीत मिली तो वह अपने संसदीय चुनाव में पांचवीं बार सदन में पहुंचेंगे। यह भी यहां के लिए रिकॉर्ड होगा। पिता के रिकॉर्ड से आगे बढ़ेंगे। इसी तरह सपा ने जीत दर्ज की तो वह भी रिकॉर्ड होगा।
एक तो 1996 के बाद महिला नेतृत्व और दूसरा प्रत्याशी पहली बार सियासी सफर शुरू करेंगी। बसपा जीती तो उसके लिए पहली बार जीत होगी। इसी तरह श्रावस्ती संसदीय सीट भी रिकॉर्ड ही बनाएगी। भाजपा को जीत मिली तो पहली बार प्रत्याशी को संसद पहुंचने का अवसर मिलेगा, यही नहीं पार्टी को सीट वापस मिलेगी।
सपा की जीत से प्रत्याशी को दूसरी बार अवसर मिलेगा, वहीं सपा का खोया रुतबा भी लौटेगा। इसी तरह बहराइच में तो तीनों दावेदार नए हैं, तीनों की जीत क्षेत्र के लिए एक नया रिकॉर्ड होगा। कैसरगंज में भले ही अभी प्रत्याशी तय नहीं हैं, लेकिन पार्टियां चुनाव तो लड़ेंगी ही।
यहां भी भाजपा जीतेगी तो हैट्रिक होगी। 2014 से यहां भाजपा का ही कब्जा है। इसके अलावा सपा या बसपा ने जीत दर्ज की तो नवगठित सीट में पहली बार खाता खुलेगा। फिलहाल परिणाम चाहे जो हो, चारों सीटों का रुतबा पूरे प्रदेश में बनेगा, यह तो पक्का ही है।
भाजपा व सपा में जोर, बसपा की भी पैठ चारों सीटाें पर
बसपा ने गोंडा व श्रावस्ती में प्रत्याशियों की घोषणा तो नहीं की है, लेकिन दबे पांव पैठ बनाने में जुटी है। बसपा नेता दद्दन खां श्रावस्ती में तो गोंडा में सौरभ मिश्र सियासी रंग में रमे दिख रहे हैं।
सपा व भाजपा कैसरगंज को छोड़कर बहराइच, गोंडा व श्रावस्ती में प्रत्याशी उतार चुकी है। इससे तीनों सीटों में यह दोनों दल पूरे जोरशोर से जुट चुनावी रंग गाढ़ा कर रहे हैं। श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र के गैसड़ी में विधानसभा का उप चुनाव भी है, जहां तीनों दल मुस्तैदी से जुटे हैं।
कैसरगंज हॉट सीट तो श्रावस्ती व गोंडा सुर्खियों में
मंडल की चारों सीटों में कैसरगंज सबसे हॉट सीट में गिनी जा रही है। बिना प्रत्याशी तय हुए ही यहां विशेष निगरानी की जा रही है। यही कारण है कि एक एफआईआर और एक शिक्षक पर चुनाव को देखते हुए कार्रवाई की जा चुकी है। गोंडा में भाजपा व सपा के प्रत्याशियों पर एक-एक एफआईआर दर्ज है। गोंडा संसदीय क्षेत्र में भाजपा व सपा प्रत्याशी को लेकर चर्चा में हैं।
श्रावस्ती सूबे की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही है। यहां भाजपा ने प्रधानमंत्री के करीबी अधिकारी के बेटे को मैदान में उतारा है, वहीं सपा ने बसपा से आए सांसद को टिकट देकर माहौल गरमा दिया है। बहराइच की सीट अपने रौ में ही चल रही है। सुरक्षित होने से कोई खास चर्चा नहीं है, लेकिन भाजपा व सपा की रणनीति के बीच बसपा ने संस्कृत के प्रोफेसर को उतार कर बड़ा दांव चल दिया है।
छह मई के बाद पूरे मंडल में बढ़ेगी सरगर्मी
मंडल की चारों सीटों में तीन पर तो सियासी दांवपेच तेज है, लेकिन छह मई के बाद सियासत को और रफ्तार मिलेगी। बहराइच में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है, वहीं गोंडा व कैसरगंज में तीन मई को और श्रावस्ती में छह मई को नामांकन कार्य पूरा हो जाएगा। इससे माना जा रहा है कि तीन मई के पहले कैसरगंज में भी दलों के प्रत्याशी तय हो जाएंगे और नामांकन हो जाएगा। इस तरह छह मई के बाद मंडल में सियासत का अलग ही रंग दिखेगा।