(Pi Bureau) अफगानिस्तान । चीन ने एक और चाल चली है। चीन, पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच विदेश मंत्रियों की वार्ता हुयी। इस वार्ता के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने बयान जारी किया । जिसमें इस इकोनाॅमिक काॅरीडोर में अफगानिस्तान के शामिल होने की बात कही गयी है।
अफगानिस्तान ने किया ऐलान
रब्बानी ने कहा कि अफगानिस्तान बेल्ड एंड रोड प्रोजेक्ट में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए तैयार है। साथ ही वह चीन से भी सहयोग बढ़ाएगा। रब्बानी ने यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद यह बयान जारी की। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ भी शामिल थे। बीजिंग ने पहले ही इस प्रोजेक्ट में अन्य देशों को साझीदार बनने का प्रस्ताव दिया है।
भारत CPEC का कर रहा है विरोध
हालांकि, भारत सीपीईसी का विरोध कर रहा है। दरअसल, इसके तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बड़े हिस्से में हाईवे और अन्य विकास कार्य प्रस्तावित हैं। भारत का मानना है कि यह भारत के भौगोलिक क्षेत्र में दखल है।
गौरतलब है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट करीब 46 बिलियन डॉलर में बनाया जा रहा है। इसका मकसद दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिनजियांग तक (लगभग 2442 किलोमीटर लंबा है) ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाईवे के जरिए तेल और गैस का कम समय में वितरण करना है।
चीन की जिनपिंग सरकार ने 2014 में सीपीईसी की आधिकारिक रूप से घोषणा की थी । यह प्रोजेक्ट पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान और बलूचिस्तान से होकर गुजरता है । जिसे भारत अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है । दरअसल, इसकी वजह से भारत रणनीतिक रूप से खतरे की स्थिति में आ सकता है।