(Pi Bureau)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर करार हमला किया. कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ईवीएम के 100 प्रतिशत वीवीपैट से मिलान की कोई जरूरत नहीं है. ममता ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि ईवीएम ओके है उसके चिप पर नज़र रखिये. रात में बीजेपी को लोग ताला तोड़कर ईवीएम की मशीन बदल रहे हैं. उनके स्थान पर ये बीजेपी को वोट दी गई मशीनों को रख रहे हैं.
ममता बनर्जी ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए कहा कि पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत के आंकड़े देरी से देने पर चुनाव आयोग की तरफ से अब तक आधिकारिक और स्पष्ट जवाब नही दिया गया. विपक्ष ने चुनाव आयोग के आंकड़े देरी से देने पर सवाल उठाया है. चुनाव आयोग के शुरुआती आंकड़े और अंतिम आंकड़े में फर्क 6 फ़ीसदी का है और अंतिम आंकड़े देर से दिया गया है. बीजेपी राज्य भर में ईवीएम बदल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते सप्ताह ही ईवीएम में हेराफेरी के संदेह को ‘‘बेबुनियाद’’ करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘ईवीएम’ ‘‘सुरक्षित’’ है और इसने मतदान केंद्रों पर कब्जा एवं फर्जी मतदान होने पर विराम लगा दिया. हालांकि शीर्ष अदालत ने चुनावों में दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वाले असफल उम्मीदवारों को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम के ‘माइक्रोकंट्रोलर चिप’ के सत्यापन की मांग करने की अनुमति दे दी.
इसके लिए इन उम्मीदवारों को आयोग को एक लिखित आवेदन देना होगा और इसके लिए शुल्क अदा करना होगा. न्यायालय ने कहा कि तंत्र के किसी भी पहलू पर ‘‘आंख मूंदकर अविश्वास करना’’ अवांछित संशय पैदा कर सकता है. न्यायालय ने कहा कि मतदाताओं को ‘वीवीपैट’ पर्चियां देना समस्या पैदा करेगा और यह अव्यावहारिक है तथा यह इसका दुरुपयोग किए जाने एवं विवादों को बढ़ावा देगा.