(Pi bureau)
हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में कॉलेज टॉप न आने से आहत छात्रा ने सोमवार देर रात मवेशी बाड़े में स्थित नीम के पेड़ में रस्सी से फंदा लगाकर जान दे दी। पिता बोले कि 95.3 प्रतिशत अंक पाकर बेटी कॉलेज में दूसरे नंबर पर थी, इसके बावजूद उसने डिप्रेशन में आकर जान दे दी। परिजनों ने पुलिस को बताए बगैर शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।
जाफरगंज थाने के पांडेयपुर गांव में रहने वाले किसान योगेंद्र सिंह की 16 वर्षीय पुत्री साक्षी फिरोजपुर गांव स्थित कृष्णा इंटर कॉलेज हाईस्कूल की छात्रा थी। बोर्ड परीक्षा परिणाम में छात्रा ने प्रथम श्रेणी में 95.3 प्रतिशत अंक पाए थे, जबकि वह कॉलेज टॉप आना चाहती थी। कॉलेज में एक छात्र 95.8 प्रतिशत अंक पाकर टॉप पर आ गया और छात्रा साक्षी दूसरे नंबर पर थी, जिससे वह डिप्रेशन में आ गई।
पिता ने रोते-बिलखते बताया कि बेटी को काफी समझाया कि बोर्ड परीक्षा में उसे काफी अच्छे अंक मिले हैं, लेकिन वह कॉलेज में दूसरे नंबर पर आने से अनबन सी रहने लगी। इसी वजह से डिप्रेशन में आकर बेटी देर रात घर के बगल में बने मवेशी बाड़े के नीम के पेड़ में रस्सी से फंदा लगाकर जान दे दी।
गमजदा मां विमलेशा देवी ने बताया कि बेटी साक्षी पढ़ने में होशियार होने के साथ घर की दुलारी थी और सरल स्वभाव था। उसने कभी नहीं सोचा था कि बेटी इतनी मामूली बात पर जान दे देगी। पड़ोसी महिलाएं ढांढस बंधाती रहीं।
परिजनों ने पुलिस को नहीं दी सूचना
मंगलवार सुबह जब छात्रा घर में नहीं दिखी तो परिजन मवेशी बाड़े में गए जहां बेटी का शव पेड़ पर फंदे से लटक रहा था। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही यमुना नदी में अंतिम संस्कार कर दिया है। थाना प्रभारी सतपाल सिंह ने बताया कि घटना की सूचना दिवंगत के परिजनों ने नहीं दी है, जिससे घटना भी संज्ञान में नहीं है।