(Pi bureau)
2009 में परिसीमन के बाद बनी अकबरपुर लोकसभा सीट का नाम मुख्यमंत्री को नहीं पसंद आया। पतारा में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से कहा कि गुलामी की निशानी को समाप्त करना है। यह सुनते ही जनता ने भी शोर मचाकर सहमति प्रदान की।
महज 15 वर्ष पुरानी अकबरपुर लोकसभा सीट कानपुर नगर और देहात की विधानसभाओं को जोड़कर बनी है। साल 2009 के पहले इसे घाटमपुर लोकसभा सीट कहा जाता था।
नए परिसीमन के बाद फतेहपुर की जहानाबाद समेत कानपुर देहात के डेरापुर, राजपुर और भोगनीपुर क्षेत्र हट गए और कानपुर देहात की अकबरपुर-रनियां, कानपुर की बिठूर, कल्याणपुर और महाराजपुर विधान सभाएं जोड़ी गईं। इसके बाद इसे 2009 में अकबरपुर लोकसभा सीट नाम दिया गया।
बुधवार को पतारा में भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले के समर्थन में जनसभा करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जब लोकसभा सीट का बार-बार नाम लेना पड़ा तो उन्होंने कहा, ‘एक तो नाम ही ऐसा है कि बार-बार बोलने में सोचना पड़ता है।’
उन्होंने जनता से कहा कि गुलामी के निशानी को समाप्त करना है और अपनी विरासत का सम्मान करना है। कहा कि गुलामी के चिह्नों को समाप्त करने का जो कार्य हुआ है उसमें आप भी अपने वोट से सहभागी बन सकते हैं। उन्होंने मौजूद जनता से इस बारे में हामी भी भरवाई।