(Pi Bureau) लखनऊ। लोकसभा में जहां एक ओर तीन तलाक बिल को पेश करने की तैयारी की जा रही थी वहीं दूसरी तरफ देश में तीन तलाक के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बृहस्पतिवार की सुबह उत्तर-प्रदेश के रामपुर जिले के अजीम नगर थाना क्षेत्र के सैदनगर में तीन तलाक पर तमाम सख्ती के बाद भी एक शौहर ने अपनी बीवी को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह देर से सोकर उठी।
इतना ही नहीं वह उसे घर से निकालकर ताला लगाकर फरार हो गया। जानकारी के अनुसार यूपी के रामपुर ते अजीम नगर थाना क्षेत्र के सैदनगर में 3 तलाक पर तमाम सख्ती के बाद भी एक शौहर ने अपनी बीवी को तलाक के दिया।
जबकि लोकसभा में प्रस्तावित तीन तलाक बिल में अगर मुस्लिम समुदाय से जुड़ा कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे 3 साल जेल होने का प्रवाधान है।
पीड़िता की फरियाद सुनने के बाद एक्शन में आई पुलिस ने महिला को ताला तोड़कर घर में अंदर घुसाया। मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के नगलिया आकिला गांव का है। इस गाव की रहने वाली गुलअफशा का निकाह 6 महीने पहले इसी गांव के रहने वाले कासिम से हुआ था। शादी के कुछ ही दिन बाद दोनों में अनबन होने लगी।
तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, आरजेडी और ओवैसी ने उठाए सवाल
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को लोकसभा में ट्रिपल तलाक विधेयक पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने आज के दिन को ऐतिहासिक करार दिया। लेकिन इस विधेयक के प्रावधानों पर राजद, बीजद और ओवैसी ने विरोध दर्ज कर सवाल उठाए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वसम्मति से संसद में ट्रिपल तलाक बिल पारित कराने की अपील की थी।
सदन में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘विधि मंत्री ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को पारित कराने का अनुरोध किया है जिसे दो बजे बाद की कार्यसूची में शामिल कर लिया गया है।’
ओवैसी बोले – बिल में मूलभूत अधिकारों का हनन
एआइएमआइएम के प्रेसिडेंट असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘बिल में मूलभूत अधिकारों का हनन है जब पहले से ही घरेलू हिंसा के लिए कानून है तो इस विधेयक की क्या जरूरत है।‘ वहीं बीजद की ओर से भी विधेयक के प्रावधानों को लेकर विरोध जताया गया। बीजद की ओर से कहा गया कि तीन तलाक बिल की दोबारा समीक्षा की जाए। बीजद सांसद भतृहरि महताब ने लोकसभा में कहा, ‘यह विधेयक त्रुटिपूण्र्ज्ञ है और इसमें कई आंतरिक विरोधाभास हैं।‘
कानून मंत्री ने कहा- आज का दिन ऐतिहासिक
कानून मंत्री ने कहा, आज ऐतिहासिक दिन है। सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को पाप बताया गया था। तीन तलाक बिल पूरी तरह संवैधानिक है। यह नारी गरिमा सम्मान का बिल है। यह बिल किसी मजहब संप्रदाय के खिलाफ नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक जारी था।
पढ़े, तीन तलाक को खत्म करने वाला कानून-
– इसका मसौदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले एक अंतर-मंत्री समूह ने तैयार किया है।
– प्रस्तावित कानून एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा। इसके तहत पीड़िता अपने व अपने नाबालिग बच्चों के लिए संरक्षण व गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है।
– इस मामले पर मजिस्ट्रेट अंतिम फैसला करेंगे। इसके तहत किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा।
– तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।
तलाक-ए-बिद्दत मुस्लिम समाज में लंबे समय से चली आ रही एक प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर सकता है। इसको सायरा बानो नामक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर कोर्ट ने अपने फैसले में इसे अवैध करार दिया था।
बता दें कि कानून मंत्री ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ट्रिपल तलाक बिल पारित कराने को भाजपा ने कमर कस ली है।