(Pi Bureau)
दिल्ली शराब नीति में हुए कथित घोटाले में आज पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 मई तक के लिए बढ़ा दी है। कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित सीबीआई के मामले में आरोप पर बहस 30 मई के लिए स्थगित कर दी। मनीष सिसोदिया और हिरासत में बंद अन्य आरोपियों की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।
कोरोना काल के बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘दिल्ली आबकारी नीति 2021-22’ लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।
अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी और छह आरोप-पत्र दायर कर चुकी हैं। गिरफ्तार होने वालों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर, के. कविता, मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी, राघव मंगुटा, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, अरुण पिल्लई, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी. सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं। इसमें से संजय सिंह कई आरोपियों को जमानत मिल गई है जबकि कुछ सरकारी गवाह भी बन गए हैं। अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली है।