(Pi Bureau)
ट्रेन में सफर के दौरान कई यात्रियों को रात में इस वजह से नींद नहीं आती है कि गेट खुला है, कहीं कोई सामान लेकर न भाग जाए. यह चिंता गेट के आसपास की सीटों पर सवार यात्रियों को अधिक रहती है. अगली बार जब आप ट्रेन से यात्रा करें तो रात में निश्चिंत होकर सोइए. गेट बंद करने की चिंता न करें. रेल मैन्युअल के अनुसार, यह जिम्मेदारी टीटी की है और अगर कोई टीटी ऐसा नहीं करता है तो बेधड़क होकर शिकायत कर सकते हैं.
मौजूदा समय रोजाना 10 हजार से अधिक ट्रेनों से करीब दो करोड़ यात्री सफर करते हैं. इनमें प्रीमियम, मेल और एक्सप्रेस मिलकर2122 ट्रेनें शामिल हैं. इसके अलावा मेल, पैसेंजर ट्रेनें भी हैं. प्रीमियम ट्रेनों और एसी क्लास में दो गेट लगे होते हैं. एक मेन गेट, दूसरा जहां से सीटें शुरू होती हैं, वहां पर लगा होता है. सामान्य तौर पर इन श्रेणी के कोच के गेट कम खुलते बंद होते हैं. क्योंकि इन कोचों में कम संख्या में यात्री उतरने-चढ़ते हैं. इस वजह से इनमें सवार यात्री सामान की चिंता किए बगैर सफर करते हैं.
वहीं, स्लीपर में सफर करने वाले यात्री सामान की चिंता रातभर करते रहते हैं. चूंकि कोच का गेट लगभग खुला ही रहता है. ऐसे में कभी भी कोई बाहरी व्यक्ति कोच में सवार होकर सामान ले जा सकता है. मौजूदा समय कुल 68534 कोचों में नॉन एसी यानी स्लीपर और जनरल कोच 44946 हैं, जबकि एसी कोचों की संख्या 23588 है. इस तरह दो तिहाई कोच स्लीपर और जनरल श्रेणी के हैं, इस तरह देश में ज्यादा लोग इन श्रेणी में सफर करते हैं. इस श्रेणी में चलने वाले यात्री भी एक तरीका अपना सुकून भरा सफर कर सकते हैं. इसके लिए रेल मैन्युअल में नियम है.
ये है टीटी की जिम्मेदारी
. रेल मैन्युअल के अनुसार टीटी की जिम्मेदारी है कि ट्रेन में जिस ओर प्लेटफार्म आ रहा हो, गेट केवल उसी ओर ही खुलें. दूसरी ओर गेट बंद रहने चाहिए. ताकि दूसरी ओर से कोई भी व्यक्ति ट्रेन में सवार न हो सके.
. ट्रेन चलने के बाद गेट बंद करने या कराने की जिम्मेदारी टीटी है.
. अगर कोई यात्री गेट पर लटका है या बैठा है तो उसे बुलाकर सीट पर बैठाना है.
अगर टीटी लापरवाही बरते तो यहां करें शिकायत
. अगर आप अपने मोबाइल से एसएमएस के जरिए शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, तो 91-9717680982 पर शिकायत भेज सकते हैं.
. यात्री सेवा संबंधी शिकायत @RailMinIndia पर ट्वीट कर सकता है.