(Pi bureau)
आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी मामले में गिरफ्तार बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज हो चुकी है। इससे पहले याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बिभव कुमार की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा, “मैंने दलील दी है कि यह कोई मामला ही नहीं है और यह अंतरिम जमानत का मामला है। मैंने अग्रिम जमानत की वकालत की है, क्योंकि सीसीटीवी फुटेज और कवरेज में जो देखा गया है, बयान में यह नहीं बताया गया है कि आदेश को तीन दिन की देरी से आज के लिए सुरक्षित रखा गया है?”
वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि बिभव कुमार पुलिस स्टेशन में मौजूद हैं और उनकी गिरफ्तारी की आशंका है। हरिहरन ने तर्क दिया कि किसी भी मामले में सात साल की सजा नहीं है। यह भी तर्क दिया कि जहां पर घटना हुई है, वहां पर सीसीटीवी था और सीएम से मुलाकात के लिए पहले से अप्वाइंटमेंट लेना जरूरी होता है, लेकिन स्वाति सीधे सीएम आवास पहुंच गई, जोकि सीएम की सुरक्षा में सेंध है।
उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान अदालत को वीडियो दिया गया, इसमें सीएम के घर में स्वाती मालीवाल के बैठे दिखाई दे रही हैं। हरिहरन ने कहा कि स्वाति द्वारा लगाए जा रहे आरोप समझ से परे हैं, आखिर बिभव ऐसे मारपीट करना क्यों शुरू करेंगे? हरिहरन ने कहा कि कई लोग वहां मौजूद थे, अगर स्वाति के साथ कोई मारपीट होती तो वह चिल्लाती, अगर वह चिल्लाती तो वहां मौजूद लोग सुनते। अदालत ने तर्कों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।
वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व पीए बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। बता दें, पुलिस ने उन्हें आज ही सीएम आवास से गिरफ्तार किया था। इससे पहले, बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने कहा कि जब स्वाति मालीवाल ने कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर 13 मई की घटना को एफएसएल टीम के साथ रीक्रिएट किया। इस दौरान सीएम आवास के अंदर कई जगहों के सीसीटीवी फुटेज की डीवीआर रिकॉर्डिंग को सील कर दिया गया। इसकी भी जांच की जाएगी कि फुटेज के साथ कोई छेड़छाड़ हुई थी या नहीं?
बिभव कुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील करण शर्मा की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा, “हमें अभी तक पुलिस से कोई जानकारी नहीं मिली है। हमने उन्हें एक ई-मेल भेजा है कि हम जांच में सहयोग करेंगे।” वहीं विभव ने भी कहा कि वह पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
वहीं, मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा- बिभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट में केस फाइल किया और कहा कि एफआईआर की कॉपी उन्हें आधिकारिक तौर पर उपलब्ध करवाई जाए। लेकिन आज सुबह दिल्ली पुलिस कोर्ट में एक जवाब देती है कि ये एफआईआर बहुत संवेदनशील है, इसलिए हम कोर्ट में जमा नहीं कर सकते और आरोपी को नहीं दे सकते।