(Pi Bureau)
एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव अपने अंतिम सबाब पर हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजनीति और रोमांचक होती जा रही है. यूपी की सियासत में अपनी दमखम रखने वाले प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी अंतिम चाल चलते हुए मिर्जापुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. माना जा रहा है कि राजा भैया का ये ऐलान ना केवल मिर्जापुर सीट पर ही भारतीय जनता पार्टी को नुकसान करेगा बल्कि पूर्वांचल की कई सीटों पर नुकसान सहना पड़ सकता है. जिन सीटों पर बीजेपी को अब नुकसान हो सकता है, उनमें प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर और इलाहाबाद सीट शामिल है.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से एनडीए के नेता राजा भैया पर हमलावर नजर आ रहे थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और रामदास अठावले शामिल हैं. अनुप्रिया पटेल ने कौशांबी और प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए राजा भैया पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग कुंडा को अपनी जागीर समझते हैं और यह सुनहरा मौका है उन्हें सबक सिखाने की. वहीं बीते बुधवार को रामदास अठावले ने अनुप्रिया पटेल के बयान को सही ठहराते हुए राजा भैया पर निशाना साधा था. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि राजा भैया के खिलाफ बयानबाजी बीजेपी को भारी पड़ सकती है और अब वही हुआ है.
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले राजा भैया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात हुई थी. तब अटकलें लगाई जा रही थीं की बीजेपी को राजा भैया का साथ मिल सकता है. लेकिन मुलाकात के कुछ दिन बाद ही राजा भैया ने अपने समर्थकों के बीच ऐलान कर दिया कि वो अपने स्वविवेक से उम्मीदवार को वोट दें. समाजवादी पार्टी को राजा भैया का साथ मिलना किसी बड़े फायदे से कम नहीं है. क्योंकि अब यूपी के जिन 27 सीटों पर मतदान बाकी है, वहां क्षत्रिय मतदाता प्रभावी हैं और राजा भैया ठाकुरों के बड़े नेताओं में से एक हैं. राजा भैया की पार्टी भले ही एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही हो. लेकिन चुनावी चर्चा में लगातार बने हुए हैं और यही उनकी ताकत का एहसास कराता है.