(Pi bureau)
गर्मियों के मौसम में ठंडा पानी पीना लोगों को गर्मी से राहत दिलाता है। गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए लोग लिक्विड ड्रिंक का सेवन करते हैं, जिसमें साधारण पानी के साथ ही लोग लस्सी, जूस और नारियल पानी समेत तरह तरह के ड्रिंक्स का सेवन करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हाइड्रेटेड रहने के लिए कम से कम आठ से 10 गिलास पानी पीना बेहद जरूरी होता है। लेकिन पानी पीते समय उसके सही तापमान का होना भी जरूरी है। पानी के तापमान का असर स्वास्थ्य पर होता है। गर्मियों में लोग ठंडा पानी पीने के इच्छा से फ्रिज का पानी पीते हैं। प्यास बुझाने और थकावट दूर करने के लिए लोग कभी भी ठंडा पानी पी लेते हैं, इससे भले ही कुछ देर के लिए गर्मी से राहत मिल जाती है लेकिन इसका नुकसान भी बहुत होता है। आयुर्वेद में ठंडे पानी को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गया है। खासकर फ्रिज का चिल्ड वाटर बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। धूप से आकर, एक्सरसाइज के बाद या खाने के बाद ठंडा पानी पीने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है।
शरीर किसी भी पदार्थ को अपने तापमान पर लाता है, जिसे वह आगे पाचन के लिए भेजता है लेकिन बहुत कम तापमान की चीजों का सेवन करने से शरीर उसे अपने तापमान के मुताबिक करने लगता है, जिससे डाइजेशन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और अपच की समस्या हो जाती है। पेट में ठंडा पानी डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है। रिसर्च के मुताबिक, ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है, जिससे पाचन की समस्या हो जाती है।
अक्सर गला खराब होने या आवाज बदलने पर बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जरूर ठंडा पानी पी लिया होगा। यह सही भी है, ठंडा पानी पीने से गले में खराश हो जाती है। फ्रिज में निकालकर ठंडा पानी पीने से ऐसी समस्या होना आम बात है। वहीं अगर आप भोजन के बाद ठंडा पानी पी लेते हैं तो बलगम बनने लगता है और सांस लेने के रास्ते ब्लॉक हो जाते है। जिससे गले में खराश, बलगम, जुकाम और गले में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ठंडे पानी का सेवन आपके शरीर का हार्ट रेट भी कम कर सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से दसवीं कपाल तंत्रिका (वेगस नर्व) स्टिम्युलेट हो जाती है। शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करने का काम नर्व ही करती है। कम तापमान के पानी का असर सीधे वेगस नर्व पर होता है, जिससे हार्ट रेट कम हो जाती है।
धूप से आने के तुरंत बाद अगर आप बहुत ठंडा पानी या बर्फ का पानी पी लेते हैं तो ब्रेन फ्रीज हो सकता है। ठंडे पानी का सेवन आपकी रीढ़ की कई नसों को ठंडा कर सकता है, जिसका असर मस्तिष्क पर होता है और सिर दर्द होने लगता है। साइनस की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए यह स्थिति मुसीबत बढ़ा सकती है।