(Pi bureau)
आम आदमी पार्टी (आप) की मंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित शराब नीति के मामले में अपनी अंतरिम जमानत को सात दिनों के लिए बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल का वजन कम होना डॉक्टरों के लिए चिंता का सबब बना है।
आतिशी ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है। जब वह ईडी की हिरासत और न्यायिक हिरासत में थे, तब उनका वजन सात किलो कम हो गया था। अचानक वजन कम होना डॉक्टरों के लिए चिंता का विषय है।” आतिशी ने कहा, “हिरासत में डॉक्टरों देखरेख में वह फिर से अपना वजन हासिल नहीं कर पाए हैं।”
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि उनके कीटोन का स्तर बहुत अधिक है। उच्च कीटोन स्तर के साथ अचानक वजन कम होना कुछ गंभीर चिकित्सा बीमारियों का संकेतक हो सकता है, जिसमें कैंसर सहित किडनी को नुकसान भी शामिल है। इसलिए डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि उनके पूरे शरीर का पीईटी स्कैन और ऐसे अन्य गंभीर परीक्षणों सहित कई जांच की जरूरत है।
बता दें, केजरीवाल को 50 दिन बाद 10 मई को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था। उन्हें कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में डाल दिया गया था और कुछ ही घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक जमानत दे दी थी। जेल से रिहा होने के बाद, केजरीवाल मौजूदा लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया ब्लॉक के प्रचार में शामिल हो गए हैं।
दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जब से उन्हें (अरविंद केजरीवाल) हिरासत में लिया गया है, उनका वजन लगातार कम हो रहा है। तिहाड़ में उनका वजन कम हो रहा था और अब भी जब वह घर पर हैं तो उनका वजन नहीं बढ़ रहा है। आम तौर पर यह चिंता का विषय है। भाजपा का यह आरोप गलत है कि उनकी निगरानी शुगर विशेषज्ञ द्वारा की जा रही है, लेकिन जब कोर्ट के आदेश पर एम्स के डॉक्टर ने चेकअप किया तो उन्होंने कहा कि इंसुलिन दिया जा रहा है। मुझे लगता है कि ऐसा हो सकता है कि उन्हें (दिल्ली के मुख्यमंत्री) मारने की साजिश में उन्होंने उनके अंगों को नुकसान पहुंचाने के लिए इंसुलिन देने से इनकार कर दिया हो।