बीजेपी के नारे में कितना दम:: क्या वाराणसी में फिर चलेगी पीएम मोदी की आंधी !!!

(Pi Bureau)

देश के सबसे बहुचर्चित लोकसभा सीटों में से एक वाराणसी से प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार वाराणसी यानी कि काशी से पीएम मोदी के 10 लाख से अधिक वोटों से जीतने को लेकर बीजेपी ने नारा दिया है. इन नारों के दमखम को लेकर न्यूज18 ने एक ग्राउंड रिपोर्टिंग की है और यह पता लगाने की कोशिश की है कि काशी के मतदाता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘अबकी बार 10 लाख पार’ नारे के बारे में क्या सोचते हैं?

ग्राउंड पर बात करने के दौरान कई लोगों ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का तोहफा देने के लिए पीएम मोदी की सराहना की, जिसके बारे में उनका कहना है कि इससे पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है. हालांकि, लोगों ने यह भी कहा कि स्थानीय विकास सुनिश्चित करने के लिए एक मशीनरी स्थापित करने की जरूरत है. वहीं बुनकर समुदाय के कई लोगों ने पीएम मोदी को अपना “ब्रांड एंबेसडर” कहा, कुछ ने कहा कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अभी भी छोटे स्तर के बुनकरों तक नहीं पहुंचा है.

‘ऐसा परिवर्तन कभी नहीं देखा’
वाराणसी के चौका घाट इलाके के रहने वाले स्थानीय निवासी सुधाकर मिश्रा ने न्यूज18 से बातचीत करते हुए कहा, ‘अबकी बार 10 लाख पार. यह हमारे लिए बदला चुकाने का समय है और काशी इसे वोटों से चुकाएगी. मुझे यकीन है कि पीएम मोदी 10 लाख वोटों के अंतर से जीतेंगे.’ मिश्रा, जो कि एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में काशी में ऐसा परिवर्तन नहीं देखा है. न केवल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, बल्कि घाटों का कायाकल्प, घाट यात्रा, क्रूज पर्यटन भी पीएम मोदी के नेतृत्व में ही किया गया है. मुझे यकीन है कि लोग इस सब पर विचार करेंगे और उन्हें फिर से सत्ता में लाएंगे.

काशी के विकास से लोग खुश
अन्य स्थानीय निवासी अमित मौर्य ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के अलावा, पीएम ने काशी को कनेक्टिविटी दी है. उन्होंने वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों को बेड़े में शामिल किया है और रेलवे स्टेशन का कायाकल्प सोने पर सुहागा है. अस्सी घाट क्षेत्र के स्थानीय निवासी सुधीर पांडे ने कहा कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूए) की स्थापना से लोगों को परिवहन का एक और साधन मिल गया है. आईडब्ल्यूए मोदी सरकार का एक और बड़ा कदम है, खासकर उन किसानों के लिए जिन्हें शुरुआत में अपनी उपज को बाजार तक ले जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था. आने वाले दिनों में, किसान जलमार्ग का विकल्प चुन सकते हैं, जो अपनी उपज को बाजारों तक पहुंचाने का सबसे तेज़ तरीका है. इसके अलावा, लोग पुलों के निर्माण और शहर की सड़कों के चौड़ीकरण से भी खुश दिखे, इससे यातायात में कमी आई है.

स्थानीय मुद्दे
एक निजी कॉलेज के प्रोफेसर पंकज सिन्हा ने कहा, ‘वास्तव में पीएम मोदी ने सबसे बड़े मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है.’ अशोक नगर कॉलोनी की रहने वालीं पूनम पांडे ने कहा कि कुछ लोग बढ़ती महंगाई से नाखुश हैं. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं पेपर लीक को लेकर युवा आक्रोशित थे. अर्दली बाजार के एक कॉलेज छात्र वैभव गुप्ता ने कहा, “पेपर लीक पर रोक लगनी चाहिए, जो युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं.”

न्यूज18 ने तीन लाख की आबादी वाले बुनकर समुदाय से भी बात की, जिसे अक्सर निर्णायक कारक कहा जाता है. काशी के मदनपुरा इलाके के रहने वाले मोहम्मद अब्दुल ने कहा, “पीएम मोदी ने काशी को टूरिज्म के मैप पर ला दिया है. पर्यटन क्षेत्र में तेजी आई है और पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है. काशी की यात्रा के दौरान औसतन हर दूसरा व्यक्ति एक बनारसी साड़ी खरीदता है. मुझे यकीन है कि बढ़ी हुई ग्राहक संख्या काशी के बुनकरों को बड़ा पुश देगी.

वाराणसी लोकसभा सीट
बता दें कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 19.62 लाख मतदाता हैं. राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सीट, जिसका प्रतिनिधित्व पीएम मोदी दो बार कर चुके हैं. वाराणसी में रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस चुनाव में पीएम मोदी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय से है.

2019 का चुनावी परिणाम
राय, वर्तमान उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक अनुभवी राजनेता और बसपा-भाजपा गठबंधन सरकार में पूर्व राज्य मंत्री हैं. वाराणसी से पांच बार विधानसभा सदस्य रहे राय तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. वाराणसी 1991 से मुख्य रूप से भाजपा का गढ़ रहा है, 2004 में कांग्रेस केवल एक बार जीती थी. 2019 के चुनावों में, पीएम मोदी ने 6,74,664 वोटों के साथ एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को पछाड़ दिया, जिन्होंने 1, 95,159 वोट हासिल किया था. जबकि अजय राय 1,52,000 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

2014 में पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल को हराया था
इस तरह 2014 में मोदी ने आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से हराया था. 2009 के चुनाव में भाजपा के डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने बसपा के मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2,03,122 वोटों से जीत हासिल की, जिन्हें 1,85,911 वोट मिले थे.

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