(Pi bureau)
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी एक लाख से भी अधिक वोट से आगे(( चल रहे हैं। यहां उनके सामने कांग्रेस ने कन्हैया कुमार चुनावी मैदान में उतारा। लोकसभा की उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इस बार के मुकाबले की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि यहां पर जंग विचारधारा के बीच देखने को मिली। यहां लड़ाई भाजपा बनाम वामपंथ दिखी। हालांकि, कन्हैया कुमार ने चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा, लेकिन उनकी पहचान वामपंथी नेता की है। इसलिए उत्तरपूर्वी दिल्ली पर इस बार मुकाबला रोचक रहा है।
उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी तीसरी बार सांसद बनने जा रहे हैं। पार्टी ने एक बार फिर उनके ऊपर भरोसा जताया है। तिवारी एक अभिनेता, गायक भी हैं, जो भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी ने चुनावी हलफनामे में चल और अचल संपत्ति 28,02,79,037 रुपये बताई है। इसमें 10,50,79,037 रुपये की चल संपत्ति व 17,52,00,000 रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
साल 2019 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने कुल संपत्ति 24,28,17,031 बताई थी, जबकि उन पर 1,36,18,755 का कर्ज भी था। उनके पास 8,64,11,031 की चल संपत्ति थी तो 15,76,56,000 करोड़ की अचल संपत्ति थी। उन पर दो मामले में लंबित हैं। उन्होंने आमदनी का जरिया एक्टिंग, विज्ञापन, मॉडलिंग से होने वाली कमाई को बताया है। उनके पास बिहार के कैमूर में तीन कृषि भूमि और मुंबई, दिल्ली व वाराणसी में आवासीय संपत्ति है। इसके अलावा पांच कारें हैं। इनकी कीमत वर्तमान में 19.50 लाख रुपये हैं। इनमें ऑडी क्यू 7, मर्सिडीज बेंज, फॉर्च्यूनर, होंडा सिटी और इनोवा शामिल है।
जबकि पत्नी के पास भी तीन कारें हैं। इनकी 30.38 लाख रुपये हैं। पत्नी के पास 1,21,62,564 रुपये की चल संपत्ति है, जबकि 3,50,00,000 रुपये की अचल संपत्ति है। मनोज तिवारी के पास 155 ग्राम सोने के आभूषण हैं जिनकी कीमत 10.50 लाख रुपये है, जबकि पत्नी के पास 265 ग्राम सोने के आभूषण हैं जिनकी कीमत 18.65 लाख रुपये है।
कौन हैं कन्हैया कुमार
बिहार के बेगूसराय जिले के बीहट गांव में कन्हैया कुमार का जन्म 13 जनवरी 1987 को हुआ था। पिता का नाम जयशंकर सिंह और माता का नाम मीना देवी है। कन्हैया ने जेएनयू से अफ्रीकन स्टडीज में एम.फिल और पीएचडी की डिग्री ली है। कन्हैया का राजनीतिक करियर जेएनयू में छात्र राजनीति से शुरू हुआ।
कमाई की बात करें तो 2018-19 में कांग्रेस नेता की कुल कमाई 1.65 लाख रुपये थी। अगले वित्त वर्ष में उनकी कमाई में कमी आई। 2019-20 में ये घटकर 90 हजार रुपये हो गई। 2020-21 में कन्हैया कुमार की कमाई में बढ़ोतरी हुई और ये 1.95 लाख रुपये हो गई। वहीं, 2021-22 में कांग्रेस नेता की कमाई में कमी आई और ये 70 हजार रुपये रह गई। 2022-23 में इसमें फिर कमी आई और ये महज 18 हजार रुपये रह गई।
अपने शपथ पत्र में कन्हैया कुमार ने बताया है कि उनके खिलाफ सात मामले चल रहे हैं। इनमें से पांच मामले बिहार और एक-एक मामला असम और दिल्ली में दर्ज है। शपथ पत्र में कन्हैया ने बताया है कि इस समय उनके पास 1.28 लाख रुपये नकद हैं। कन्हैया के दो बैंक खातों में 6.79 लाख रुपये जमा हैं। इस तरह से कांग्रेस नेता ने अपने हलफनामे में 8.07 लाख रुपये की चल संपत्ति की जानकारी दी है। कन्हैया के नाम बिहार के मसनदपुर में एक गैर खेतीहर जमीन है। 85.08 वर्ग फीट की जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य 2.65 लाख रुपये बताया गया है। कांग्रेस नेता ने अपने शपथ-पत्र में कुल 2.65 लाख रुपये की अचल संपत्ति की घोषणा की है। वहीं चल और अचल संपत्ति दोनों को जोड़ दें तो कन्हैया कुमार 10.72 लाख रुपये की संपत्ति के मालिक हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर 2019 का परिणाम
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की। इनमें उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट की जीत भी शामिल रही। इस चुनाव में मुकाबला था भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बीच। नतीजे सामने आए तो उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर मनोज ने कांग्रेस की शीला दीक्षित को 3,66,102 के विशाल अंतर से हराया। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 7,87,799 वोट मिले। कांग्रेस के उम्मीदवार को 4,21,697 वोट मिले। वहीं, आप इस सीट पर जमानत भी नहीं बचा पाई। आप के दिलीप पांडेय को 1,90,856 वोट से संतोष करना पड़ा।
दिल्ली की सीटों का इतिहास
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक उत्तर पूर्वी दिल्ली भी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली नाम से लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते है, जिनमें बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी (एससी), रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर (एससी), मुस्तफाबाद और करावल नगर शामिल हैं। इससे पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट का काफी हिस्सा पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में आता था, जो 1967 में अस्तित्व में आई थी।
परिसीमन के बाद 2009 में हुए पहले चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। पार्टी के उम्मीदवार जय प्रकाश अग्रवाल ने भाजपा के बीएल शर्मा प्रेम को शिकस्त दी। कांग्रेस ने यह चुनाव 2.22 लाख वोटों से जीता था। जय प्रकाश अग्रवाल को 5,18,191 वोट जबकि बीएल शर्मा प्रेम को 2,95,948 वोट मिले थे।