(Pi Bureau) मनोरंजन डेस्क। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद अभी जारी है। अब फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा गठित पैनल पर ही सवाल उठने लगे हैं। राजपूत करणी सेना और जौहर स्मृति संस्थान ने समीक्षा पैनल को भंग कर नया पैनल बनाने की मांग की है। राजपूत संगठनों ने रिव्यू पैनल में मेवाड़ राजघराने के पूर्व महाराजा महेन्द्र सिंह या उनके बेटे विश्वराज सिंह को शामिल करने की मांग की है।
इधर, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि जिस भी सिनेमाघर में फिल्म दिखाई जाएगी, वहां तोड़फोड़ होगी। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि फिल्म का रिव्यू कमेटी ने ही विरोध किया था, लेकिन सेंसर बोर्ड ने अंडर वर्ल्ड के दबाव में इस फिल्म को मंजूरी दे दी। राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि फिल्म को देखने वाला इतिहासकारों का पैनल उनके संपर्क में है।
उधर, फिल्म में यह 5 बदलाव करने की खबर
– फिल्म में ये डिस्क्लेमर देना होगा कि फिल्म किसी भी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों के सही होने का दावा नहीं करती.
– भंसाली ने कहा है कि फिल्म जायसी की कविता ‘पद्मावत’ पर आधारित है, इसलिए फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ करना होगा.
– फिल्म के घूमर गाने की प्रस्तुति में रानी पद्मावती के चरित्र के मुताबिक जरूरी बदलाव करने होंगे.
– ऐतिहासिक जगहों के गलत या भ्रामक संदर्भ में सुधार करने की जरूरत है.
– फिल्म के डिस्क्लेमर में यह स्पष्ट किया जाए कि यह फिल्म जौहर या सती प्रथा का महिमा मंडन नहीं करती है.