(Pi Bureau)
एक ओर भारत में पीएम मोदी के नेतृत्व में नई सरकार अपना कामकाज संभाल रही है. वहीं, यूरोपीय संसद के लिए हुए चुनाव में धुर दक्षिणपंथी दलों ने जबरदस्त जीत दर्ज की है. कई देशों की सरकारें इससे हिल गई हैं. लेकिन इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने निर्णायक जीत हासिल की है. उनकी पार्टी को सीट यूरोपीय संघ संसद में दोगुनी से ज्यादा हो गई है. इससे जॉर्जिया मेलोनी अपने देश के साथ यूरोप की मजबूत नेता के रूप में भी उभरी हैं.
सोमवार को जारी नतीजों के अनुसार, कुल 27 सदस्य देशों वाले यूरोपीय संघ में सत्ता की चाबी दक्षिणपंथी दलों के हाथों में चली गई है. 720 सदस्यों को चुनने के लिए हुए मतदान में 97% मतों की गिनती के बाद मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने 28.82% मत प्राप्त किए हैं. यह सितंबर 2022 के राष्ट्रीय चुनावों में प्राप्त 26% से भी अधिक है. इससे पता चलता है कि देश में उनकी लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है.
GRAZIE! 🇮🇹@FratellidItalia si conferma primo partito italiano, superando il risultato delle scorse elezioni politiche. pic.twitter.com/uYHHm4Nm6S
— Giorgia Meloni (@GiorgiaMeloni) June 9, 2024
जीत के बाद जॉर्जिया मेलोनी ने सोशल मीडिया पर अपनी विजय का V आकार बनाते हुए एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “धन्यवाद!” मेलोनी ने मतदाताओं से अपने मतपत्रों पर “जॉर्जिया” लिखने का आग्रह किया था और कहा था कि यह चुनाव उनके नेतृत्व पर जनमत संग्रह होगा. मेलोनी कुछ ही दिनों में पुगलिया में जी7 बैठक की मेजबानी करेंगी. उन्होंने कहा, मुझे गर्व है कि यह देश जी7 और यूरोप में सबसे मजबूत सरकार के साथ खुद को पेश कर रहा है. मुझे इस नतीजे पर बेहद गर्व है.
मेलोनी चुनावों के बाद ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरी हैं, लेकिन अभी भी उन्होंने अपने पत्ते गुप्त ही रखे हैं. मेलोनी ने जीत के बाद रेडियो पर कहा, यह एक शानदार उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि बहुमत वाली सभी पार्टियां एक साथ आगे बढ़ने में सक्षम हैं. उधर, जर्मनी में एक और दक्षिणपंथी पार्टी एएफपी ने पर्याप्त सफलता हासिल कर चांसलर ओलाफ की सोशल डेमोक्रेट की परेशानी बढ़ा दी है.