(Pi Bureau) नई दिल्ली । पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई। इसके बाद पथराव शुरू हुआ।
हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचाई गई। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। हालांकि, उसकी पहचान और मौत की असल वजह के बारे में ठीक-ठीक पता नहीं चला है। पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिये पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया।दलितों पर हुई हिंसा पर शरद पवार ने कहा, “लोग वहां 200 साल से जा रहे हैं। ऐसा कभी नहीं हुआ। सभी को उम्मीद थी कि 200वीं सालगिरह पर ज्यादा लोग जुटेंगे। इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। “
इस कार्यक्रम में दलित नेता एवं गुजरात से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका, भीम आर्मी अध्यक्ष विनय रतन सिंह और पूर्व सांसद एवं डा। भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर भी उपस्थित थे। घटना के बाद सभी ने बीजेपी पर आरोप लगाए।