(Pi Bureau) नई दिल्ली। केंद्र सराकर द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह नया आयोग बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए नेशनल मेडिकल कमिशन बिल के विरोध में आज देशभर में निजी अस्पतालों के डॉक्टर 12 घंटे के लिए सुबह 6 से शाम 6 बजे तक हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल का आह्वान डॉक्टरों की शीर्ष संस्था आईएमए ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल के खिलाफ किया है। हड़ताल के चलते आज देश में 12 घंटे के लिए ओपीडी सहित अपनी सभी नियमित सेवाएं बंद रहेंगी।
इस हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सहित अन्य नियमित स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं। हालांकि इमरजेंसी एवं सघन चिकित्सा सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है। आईएमए के आह्वान के मद्देनजर निजी अस्पताल के डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की आशंका से चिंतित केंद्र सरकार ने हालात से निपटने के लिए कमर कस ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे अपनी स्वास्थ्य सेवाएं चाक-चौबंद रखें ताकि मरीजों को किसी भी किस्म की तकलीफ न होने पाए।
यह है मामला
दरअसल सरकार ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल को शुक्रवार को संसद में पेश किया। इसके तहत एमसीआई की जगह एनएमसी के गठन का प्रस्ताव किया गया है। बिल में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि होम्योपैथी एवं आयुर्वेद जैसे वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के डॉक्टर भी एक ब्रिज कोर्स करने के बाद एलोपैथी के जरिये इलाज कर सकते हैं। इस बिल पर मंगलवार को संसद में चर्चा होने जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मीटिंग में नहीं बनी बात
हड़ताल का आह्वान करने से पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पदाधिकारियों की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ मीटिंग हुई, लेकिन इसमें बात नहीं बनी। इस बाबत स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बिल पर मंगलवार को संसद में चर्चा होनी है। इस पर संसद ही कोई फैसला करेगी। अफसर के अनुसार, “हमने उन्हें (आइएमए पदाधिकारियों को) खूब सुना, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता है। बिल संसद में पेश हो चुकी है, उस पर मंगलवार को चर्चा तय है। अब सदन ही कोई निर्णय करेगा।”