(Pi bureau)
प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प 31 अक्तूबर 2024 तक दिया है। मंगलवार को कैबिनेट ने 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प चुनने के अवसर के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था। इससे करीब 50 हजार कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
यूपी सरकार ने 28 मार्च 2005 को यह प्रावधान किया था कि एक अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के दायरे में होंगे। यह प्रावधान राज्य सरकार के कार्मिक, शासन के नियंत्रण वाली स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मियों व शिक्षकों पर लागू किया गया।
तमाम ऐसे शिक्षक और कार्मिक हैं, जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को या उसके बाद हुई लेकिन उस नौकरी का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले निकला था। ये कर्मी लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) का लाभ देने की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार इस तरह के कर्मियों को पहले ही यह सुविधा दे चुकी है।
कैबिनेट से अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार ऐसे कार्मिक जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को या उसके बाद हुई है लेकिन नियुक्ति के लिए पद का विज्ञापन एनपीएस लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना जारी होने की तिथि 28 मार्च 2005 से पूर्व प्रकाशित हो चुका था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का एक बार विकल्प उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है। शनिवार को अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया।
ओपीएस चुनने वालों के एनपीएस खाते 25 जून 2025 को होंगे बंद
शासनादेश के मुताबिक यदि कर्मचारी उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनीफिट्स रूल्स 1961 के अधीन कवर किए जाने की शर्तों को पूरा करता है तो प्रशासकीय विभाग के अनुमोदन के बाद इस संंबंध में एक आदेश नियुक्ति अधिकारी जारी करेंगे। आदेश जारी होने के अगले महीने के वेतन से अभिदाता अंशदान और नियोक्ता अंशदान की कटौती बंद हो जाएगी। जो कर्मचारी ओपीएस का विकल्प चुनेंगे, उनके राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खाते 30 जून 2025 से बंद कर दिए जाएंगे। इन खातों में जमा कर्मचारियों का अंशदान उनके सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा। इन खातों में जमा सरकारी अंशदान राजकोष में जमा किया जाएगा। 31 अक्तूबर तक विकल्प का प्रयोग न करने वाले कर्मचारी एनपीएस के दायरे में आ जाएंगे।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने संसद सत्र में पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को उठाए जाने के लिए शुक्रवार को संसद भवन परिसर में सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की। विजय बंधु ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, चिराग पासवान, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा, सांसद जगदंबिका पाल, कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ग़ांधी, सांसद प्रमोद तिवारी, उज्ज्वल रमण सिंह, राकेश राठौर, आप सांसद संजय सिंह आदि से मुलाकात की। इसके माध्यम से उन्होंने पुरानी पेंशन बहाल करने व निजीकरण समाप्त करने का मुद्दा संसद में उठाने की मांग की।