(Pi Bureau)
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन को लेकर जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अधीन आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को उनके द्वारा लिए गए अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में देने को सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. पेंशन असमानताओं के कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति उभर रहे असंतोष को देखते हुए अब सरकार अंतिम वेतन के आधे हिस्से के बराबर पेंशन की गारंटी दे सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही इस योजना की व्यवहारिकता का पता लगाने के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की घोषणा कर चुकी हैं.
हालाँकि, यह लगभग स्पष्ट है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर वापस नहीं लौटेगी. लेकिन सरकार कर्मचारियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में बदलाव जरूर कर सकती है. सभी विपक्षी दल पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग सरकार से कर रहे हैं और ये वादा भी कर रहे हैं कि वो सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर देंगे. पुरानी पेंशन योजना में, कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ समायोजित उनके अंतिम वेतन का आधा आजीवन पेंशन के रूप में मिलता है. इसके विपरीत, NPS एक अंशदान-आधारित योजना है जहाँ कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी योगदान करते हैं और सरकार 14 फीसदी जोड़ती है.
जल्द हो सकता है फैसला
सोमनाथन समिति ने पेंशन की इंटरनेशनल प्रेक्टिस के साथ ही आंध्र प्रदेश सरकार की पेंशन नीति का भी अध्ययन किया है. साथ ही समिति ने सुनिश्चित रिटर्न की गारंटी के प्रभाव का आकलन भी किया है. 25-30 साल तक सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने के लिए सरकार के भीतर भी समर्थन बढ़ रहा है.
इन कर्मचारियों को मिल रहा है अच्छा लाभ
अधिकारियों का तर्क है कि 25-30 साल तक एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को OPS पेंशनभोगियों के समान अच्छा रिटर्न मिल रहा है. कम भुगतान के बारे में शिकायतें ज्यादातर उन कर्मचारियों की है जो 20 साल से पहले एनपीएस में अंशदान बंद कर देते हैं. वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार कॉर्पोरेट सेवानिवृत्ति लाभों के समान एक समर्पित निधि बनाने की योजना बना रही है. विकसित पेंशन ढांचे के तहत कर्मचारी कल्याण के साथ वित्तीय जिम्मेदारी को संतुलित करने के लिए चर्चा चल रही है.