(Pi Bureau) अहमदाबाद। भीमा-कोरेगांव में भड़की हिंसा की आग मुंबई होते हुए अब गुजरात पहुंच गई है। वहीं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और छात्र नेता उमर खालिद पर सेक्शन 153(A), 505, 117 के तहत पुणे में एफआईआर दर्ज हुई है।
इन दोनों पर पुणे में हुए कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। महाराष्ट्र बंद के दौरान बुधवार को हुई हिंसा के बाद मुंबई पुलिस ने दलित नेता जिग्नेश मेवानी और छात्र नेता उमर खालिद के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। ये दोनों नेता बतौर वक्ता छात्र भारती के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। छात्र भारती के उपाध्यक्ष सागर भालेराव ने इस बात की जानकारी दी है। जिग्नेश ने कहा था, ‘गुजरात के बाद पूरे देश में हम 56 इंच के सीने को फाड़कर रख देंगे।
ये है पूरा मामला
1 जनवरी 1818 के दिन हुए उस युद्ध को लेकर है, जो अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में लड़ा गया था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने पेशवा को शिकस्त दे दी थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में बड़ी संख्या में दलित भी शामिल थे। उस युद्ध में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए ही दलित समुदाय की तरफ से पुणे में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिस पर बवाल हो गया। दलित और मराठा समुदाय के लोग सड़क पर आमने-सामने आ गए। इसी कार्यक्रम में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद ने भाषण दिया था।