(Pi Bureau)
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले में नया चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है। दरअसल, एफबीआई का मानना है कि पेंसिलवेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर गोली चलाने वाले बंदूकधारी ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया है। बता दें, अमेरिकी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की घरेलू आतंकवाद के तौर पर जांच कर रहा है।
महज 20 साल का था हमलावर
हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई है। एफबीआई की राष्ट्रीय सुरक्षा शाखा के कार्यकारी सहायक निदेशक रॉबर्ट वेल्स ने कहा, ‘शुरुआती जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि उसने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया है। हालांकि, हमें अभी और जांच करनी है।’
हमले के पीछे का मकसद?
उन्होंने कहा कि एफबीआई हत्या की कोशिश करने और संभावित घरेलू आतंकवाद के तौर पर इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप पर गोली चलाने के पीछे का मकसद पता लगाने के लिए आतंकवाद रोधी प्रभाग और आपराधिक प्रभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
जांच जारी है
वहीं, एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि हो सकता है कि हमलावर मारा गया हो। मगर जांच जारी है। इस वजह से हम इस समय जो कुछ भी कहेंगे वो सीमित ही होगा। उन्होंने आगे कहा, ‘हमने कल जो देखा वह लोकतंत्र और हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमले से कम नहीं था।’
एफबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, बंदूकधारी के बारे में जांच करने पर अभी तक कोई मानसिक स्वास्थ्य मुद्दा, धमकी भरे पोस्ट या अन्य मकसद सामने नहीं आए हैं। मगर इस मामले अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
सीक्रेट सर्विस के साथ एफबीआई करेगी मामले की जांच
अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथनी गुगलीएल्मी के मुताबिक, यह घटना स्थानीय समयानुसार शाम 6.15 बजे हुई, जब एक संदिग्ध शूटर ने ऊंचाई वाली जगह से ट्रंप पर गोलीबारी कर दी। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने उस हमलावर को तुरंत ही मार गिराया। रैली में मौजूद एक अन्य शख्स की मौत भी हुई है, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सीक्रेट सर्विस के साथ अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) मामले की जांच कर रहा है।
वायरल हुए वीडियो में ट्रंप के कान से खून बहता दिखा
गोली चलने के बाद मची अफरा-तफरी के बीच पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को एक काफिले में ले जाया गया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में ट्रंप के कान से खून बहता देखा जा सकता है। सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी बयान के मुताबिक ट्रंप सुरक्षित हैं। इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है। बाइडन, कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने दो टूक कहा है कि अमेरिकी समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है।