(Pi bureau)
यूपी को केंद्र सरकार से चालू वित्त वर्ष में 2.43 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यांश और ब्याज मुक्त लोन के मदों के तहत मिलेगी। यह राशि अंतरिम बजट के मुकाबले करीब 7482 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) सेक्टर के लिए बजट में दी गई घोषणाएं यूपी के लिए सौगात बनकर आई हैं। ये बजट यूपी में 72 लाख नए उद्यमी पैदा करेगा। बजट में नौजवानों, छात्रों, किसानों और छोटे-मझोले उद्यमियों पर विशेष फोकस किया गया है। मुफ्त राशन योजना का लाभ प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अगले पांच साल तक मिलता रहेगा।
एक फरवरी को आए अंतरिम बजट में केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश का अंश 218816.84 करोड़ रुपये था, जोकि आम बजट में बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये हो गया है। केंद्र की ओर से राज्यों की सहायता योजना के तहत 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है। यूपी को पिछले वित्त वर्ष में करीब 17938 करोड़ रुपये मिले थे, जो चालू वित्त वर्ष में 20,500 करोड़ रुपये होगा।
बजट 20 लाख इकाइयों को संजीवनी देगा। कम से कम एक करोड़ कामगारों को रहने के लिए छत देगा। प्रदेश सरकार में एमएसएमई, रेशम व खादी मंत्री राकेश सचान ने बताया कि बजट में घोषित 12 में से कम से कम दो औद्योगिक पार्क यूपी में लाए जाएंगे। बजट में एमएसएमई के लिए पेश ऋण गारंटी योजना यूपी के उद्यमियों को सबसे ज्यादा राहत देगी। एमएसएमई विभाग के मुताबिक करीब 22 लाख नए उद्यमियों की पौध केवल इस योजना से ही तैयार होगी। यहां बता दें कि यूपी में देशभर में सबसे ज्यादा 96 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयां हैं। छोटे उद्यमियों की सबसे ज्यादा शिकायतें बैंकों द्वारा उन्हें लोन देने में आनाकानी करना है। बैंक अपने धन की सुरक्षा चाहते हैं और गारंटी के अभाव में लोन देने में हिचकिचाते हैं।
मुद्रा योजना की सीमा 10 लाख से 20 लाख रुपये बढ़ाए जाने का सबसे ज्यादा फायदा भी यूपी को ही मिलेगा। अभी 76.79 लाख मुद्रा लोन यूपी में दिए गए हैं। लोन सीमा दोगुना होने से प्रदेश में 24 लाख नए उद्यमी तैयार होंगे, जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं या उनके उद्यम की लागत 10 लाख रुपये से ज्यादा है। इतना ही नहीं लोन कितना दिया जाए, इसके लिए नया ऋण आकलन मॉडल लोन की रफ्तार बढाएगा। विभाग के मुताबिक 26 लाख उद्यमियों के लिए नए लोन का रास्ता खुलेगा।
ट्रेड्स योजना से 20 लाख उद्यमियों की माली हालत सुधरेगी
इसी तरह एनपीए से छोटी इकाइयों को बचाने की योजना भी बहुत काम की है। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में 15,757 करोड़ रुपये एनपीए हो चुके हैं। ट्रेड्स योजना से 20 लाख उद्यमियों की माली हालत सुधरेगी। यूपी में 4.5 करोड़ से ज्यादा इंडस्ट्री वर्कर हैं। डारमेट्री योजना से करीब एक करोड़ को फायदा होगा। पीपीपी मोड पर आवास बनाने से 10 लाख को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
प्रदेश की 100 आईटीआई होंगी अपग्रेड, 3.5 लाख युवाओं को होगा फायदा
केंद्रीय बजट में युवा और रोजगार पर काफी फोकस किया गया है। वहीं कौशल प्रशिक्षण कर युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए काफी प्रावधान किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से 1000 आईटीआई को हब और स्पोक व्यवस्था में अपग्रेड करने की घोषणा में प्रदेश की भी लगभग 100 और आईटीआई को अपग्रेड करने की उम्मीद बढ़ गई है। प्रदेश की सरकारी व निजी आईटीआई से हर साल साढ़े तीन लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर निकल रहे हैं। ऐसे में इन आईटीआई के अपग्रेडेशन से यहां के युवा रोजगार के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे।
यूपी के 50 लाख छात्रों के लिए जगी उम्मीद
केंद्रीय बजट से यूपी के 50 लाख छात्रों व युवाओं के लिए उम्मीद जगी है। वे कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन ले सकेंगे। अभी परिवार की आय निर्धारित सीमा से अधिक होने के चलते ये छात्र प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं।
यूपी में हाईवे के लिए चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। बजट में ग्रामीण सड़कों पर भी फोकस दिखा। प्रदेश में करीब दो हजार नए ग्रामीण मार्ग बन सकेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि सड़कों को दिए गए बजट में वर्ष 2047 का विजन दिखा।
इंटनर्शिप योजना से दो लाख युवा होंगे लाभांवित
केंद्रीय बजट में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) की घोषणा का लाभ प्रदेश के लगभग दो लाख युवाओं को मिलेगा। प्रदेश में सीएम शिक्षुता योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को अब इंटर्नशिप के दौरान मिलने वाले प्रतिमाह भत्ते के साथ ही प्रशिक्षण समाप्त होने पर 6000 रुपये की एकबारगी सहायता भी मिलेगी।