(Pi Bureau)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में संगठन और यूपी सरकार से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही आगामी दस विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा हुई. यह मुलाकात हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा के वोट शेयर में बड़ी गिरावट के बाद हुई है. जहां भाजपा 2019 की 62 सीटों से घटकर 33 सीटों पर आ गई. समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतीं, जो लोकसभा में उसकी सबसे अधिक सीटें थीं, और कांग्रेस ने छह.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में एनडीए बनाम ‘इंडिया’ गठबंधन का एक और बार आमना-सामना होने वाला है. इसका नतीजा राज्य की राजनीति के लिए निर्णायक हो सकता है. सीएम योगी आदित्यनाथ आगामी उपचुनावों के लिए कई बैठकें कर रहे हैं. भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए लोकसभा चुनाव की निराशा से उबरने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. जबकि सपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाला ‘इंडिया’ ब्लॉक अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. उपचुनाव के नतीजे 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव की दिशा भी तय करेंगे.
दोनों डिप्टी सीएम से योगी सहज नहीं!
हालांकि, जिस बात ने सभी को हैरान कर दिया, वह यह कि सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई अलग-अलग बैठकों में दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक मौजूद नहीं रहे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 14 जुलाई को कहा कि प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा. डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि उन्हें एक बार फिर प्रदेश में भाजपा का परचम लहराना है. उन्होंने कहा कि ‘2014 और उसके बाद के चुनावों में भाजपा के पक्ष में जितने वोट प्रतिशत थे, भाजपा 2024 में भी उतने ही वोट पाने में सफल रही है, लेकिन अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को ठेस पहुंचाई है. जो विपक्ष पहले हार मानकर बैठ गया था, वह आज फिर उछल-कूद कर रहा है.’
केशव मौर्य के बयान से हड़कंप
हालांकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के संगठन को सरकार से बड़ा बताने वाली पोस्ट के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मानसून ऑफर की घोषणा की. जिसमें उन्होंने असंतुष्टों से सौ विधायक लाने और उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कहा. यादव ने एक्स पर ऑफर की घोषणा करते हुए कहा कि ‘मानसून ऑफर: सौ विधायक लाओ, सरकार बनाओ!’ केशव मौर्य की पोस्ट पर विपक्ष ने कयास लगाए कि यह भाजपा में असंतोष का संकेत है. यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता के लिए भाजपा की लड़ाई का मतलब है कि वह जनता के बारे में नहीं सोच रही है.
सपा ने लपका मौका
इसके बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मजबूत है और 2017 की तरह 2027 के विधानसभा चुनावों में भी विजयी होने जा रही है. मौर्य ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ‘सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी, भाजपा के पास राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक मजबूत संगठन और सरकार है, सपा का पीडीए एक धोखा है. यूपी में सपा की गुंडागर्दी की वापसी असंभव है, भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों में 2017 को दोहराएगी.’