(Pi Bureau)
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली से लखनऊ और सरकार से संगठन तक मंथन का दौर चल रहा है. इन नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार और संगठन की कार्यशैली में एक बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है. सबसे पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समीक्षा बैठक के दौरान संगठन को सरकार से बड़ा बताकर एक तरह से सत्ता और संगठन के बीच की खींचतान को सामने रखने का काम किया. उन्होंने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी बात की. इसके साथ ही बीजेपी के नेताओं का मुलाकातों का दौर तेजी से शुरू हो गया.
यह भी संभव है कि लोकसभा के नतीजों से यूपी में दिशा-परिवर्तन की संभावना बन सकती है. सीएम योगी ने कल देर रात दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों की शुरुआत की. आज मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बाद उनके पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की उम्मीद है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने यूपी में लोकसभा के नतीजों की समीक्षा पूरी कर ली है. वे केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देंगे.
हर सांसद, विधायक से की मुलाकात
अपनी समीक्षा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने 7 जुलाई से कल तक लखनऊ में पिछले 20 दिनों में राज्य के सभी 18 मंडलों के सांसदों, विधायकों और एमएलसी से मुलाकात की. सीएम योगी ने उन्हें विकास गतिविधियों को उजागर करने और विपक्ष की अफवाहों का मुकाबला करने की सलाह दी. नेताओं ने इन बैठकों में अपने निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दों और अपेक्षाओं को मुख्यमंत्री के सामने खुलकर रखा. सीएम योगी ने अधिकारियों को हर इलाके के लिए क्षेत्रीय विकास की नई रणनीति बनाने के निर्देश दिए.
अफसरों पर लगाम कसने की तैयारी
सीएम योगी ने इन बैठकों के दौरान आगामी 2027 विधानसभा चुनावों के लिए एक मंत्र तैयार किया है. जिसमें कहा गया है कि पार्टी के कार्यकर्ता संचार, सक्रिय जुड़ाव और सोशल मीडिया पर ध्यान दें. सीएम का निर्देश है कि युवा और महिला संगठनों से जुड़े युवाओं को बिना किसी रिश्वत या जाति, धर्म या पंथ के आधार पर भेदभाव के सरकारी नौकरियों के निष्पक्ष प्रावधान के बारे में बताएं. आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी अभी से शुरू करें. अगर कोई अधिकारी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में अनिच्छा दिखाता है तो लिखित शिकायत दर्ज करें, उचित कार्रवाई का आश्वासन दें.