बड़ी खुशखबरी:: अब अयोध्या, मथुरा व वाराणसी के विकास को मिलेगी रफ्तार……

(Pi Bureau)

अनुपूरक बजट में शहरी विकास पर खास फोकस किया गया है। शहरी विकास के लिए भी सरकार ने बजट में 650 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें 50 करोड़ रुपये अयोध्या, काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं को और बेहतर करने पर खर्च किया जाएगा। जबकि शेष 600 करोड़ रुपये अमृत योजना के तहत कराए जा रहे सीवरेज और पेयजल की परियोजनाओं पर खर्च होंगे।

दरअसल अयोध्या में श्रीराम मंदिर और काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यही स्थिति मथुरा में भी है। इसके देखते हुए इन तीनों धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं का विकास हो रहा है। इसलिए अनुपूरक बजट में इन तीनों स्थानों के लिए अलग से धनराशि की व्यवस्था की गई है। अटल मिशन रिजुविनेशन एवं ट्रांसफारमेशन (अमृत) योजना के अंतर्गत नगर निगमों के लिए 250 करोड़ और नगर पालिका परिषद 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

माध्यमिक के छात्रों को रोबोटिक्स, सेंसर तकनीकी, चिप की देंगे जानकारी
प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को आधुनिक तरीके व आधुनिक तकनीकी से पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए अनुपूरक बजट में 95 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इससे जहां 1044 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) लैब व 284 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब बनेगी। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना से छात्रों को तकनीकी आधारित जानकारी दी जाएगी। इसके माध्यम से छात्रों को रोबोटिक्स, सेंसर आधारित तकनीकी, चिप कैसे बनाई जाती है, थ्रीडी प्रिंटिग आदि आधुनिक तकनीकी के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। इन क्षेत्रों की जानकारी होने पर युवा तकनीकी रूप से दक्ष होंगे और रोजगार के लिए तैयार होंगे। वहीं विद्यालयों में आईसीटी लैब बनने से विद्यार्थियों को डिजिटल व हाईब्रिड मोड पर पढ़ाई कराई जा सकेगी। इसके साथ ही कंप्यूटर विषय के रूप में पढ़ाई व प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे जब विद्यार्थी इंटर की पढ़ाई करने के बाद निकलेंगे तो वह स्वरोजगार के लिए तैयार होंगे। पहले चरण में 1200 राजकीय विद्यालयों में समग्र शिक्षा के तहत इसकी स्थापना की जा रही है।

युवाओं के कौशल विकास के लिए मिले 300 करोड़

प्रदेश में युवाओं कौशल विकास के लिए चल रहे कार्यक्रमों को गति देने के लिए अनुपूरक बजट में 300 करोड़ की और व्यवस्था की गई है। कौशल विकास मिशन के तहत 200 करोड़ और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए चल रही प्रवीण योजना में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कौशल विकास मिशन से संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वर्तमान में तीन लाख से ज्यादा बच्चों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इसमें से दो लाख से ज्यादा को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। एक लाख का प्रशिक्षण चल रहा है। 200 करोड़ रुपये मिलने से इसे और गति मिलेगी। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि अतिरिक्त बजट से युवाओं को आधुनिक, रोजगारपरक व उद्यमितापरक प्रशिक्षण देकर उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाया जाएगा।

प्रवीण योजना के तहत माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 व 11वीं के बच्चों को उनकी पढ़ाई के साथ दो घंटे उनकी रुचि के विषय में प्रशिक्षण दिया जाता है। सत्र 2022-23 में 315 स्कूलों के 60 हजार बच्चों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य था। इसमें 36 हजार से ज्यादा बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कौशल विकास मिशन निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि 100 करोड़ और बजट मिलने से लगभग दोगुने यानी 650 स्कूलों में अब 1.20 लाख बच्चों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा सकेगा।

विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा के लिए खरीदेंगे 75 स्कार्पियो वाहन
अनुपूरक बजट में गृह विभाग को वाहनों की खरीद, उनके अनुरक्षण और पेट्रोल व्यय के लिए 20.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 के क्रियान्वयन के लिए 75 जिलों में फॉरेंसिक वाहनों की खरीद के लिए 18.75 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी तरह अतिविशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा के लिए 76 स्कार्पियो वाहन, एटीएस के लिए 52 वाहन, पीएसी की तीन महिला वाहिनियों के लिए 189 वाहनों और भ्रष्टाचार निवारण संगठन के 93 वाहन खरीदने के लिए प्रतीकात्मक रूप से एक-एक लाख रुपये दिए गये हैं। वहीं वाहनों के अनुरक्षण एवं पेट्रोल के लिए 1.87 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

ऊर्जा विभाग को मिला 2000 करोड़
विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है। इसे किसानों और कमजोर वर्गो को दी जाने वाली राहत में खर्च किया जाएगा। इसी तरह रिहंद और ओबरा बांध सुधार परियोजना के लिए 4.2 करोड़. आरडीएसएस योजना के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों के लिए 500 करोड़, राजस्व अनुदान के तहत 983.92 करोड़ का प्रावधान किया गया है। टैरिफ सब्सिडी के तहत 511.88 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बजट प्रावधान किए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।

अनुपूरक बजट क्या होता है और क्यों लाया जाता है
अनुपूरक बजट ऐसा वित्तीय दस्तावेज है, जिसे सरकार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान उस स्थिति में पेश करती है, जब उसे पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता होती है। यह बजट उन खर्चों को कवर करने के लिए पेश किया जाता है, जिनको अनुमानित बजट में शामिल नहीं किया गया था, या जो नई परिस्थितियों के कारण जरूरी हो गए हों। यह बजट वित्त वर्ष के बीच में किसी विभाग या मंत्रालय की किसी योजना में अतिरिक्त राशि खर्च करने के लिए लाया जाता है।

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