(Pi Bureau)
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बरसों पुराने और जर्जर हो चुके पुलों को गिराने का बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत प्रदेश भर में 50 वर्ष से अधिक समय से जर्जर हो चुके कुल 75 पुलों को ध्वस्त किया जाएगा. सोनभद्र जिले में भी इस निर्णय के अनुसार तीन पुराने पुलों को गिराया जाएगा. यह फैसला प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने और लोगों की सुरक्षा के लिए लिया गया है.
आजादी के बाद सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए सबसे पुराने पुल में से एक ‘चोपन पुल’ का नाम भी इसमें शामिल है. यह पुल लगभग 60 वर्ष पहले बनाया गया था और इसका महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह तीन प्रदेशों को जोड़ने वाला एकमात्र पुल है.
यूपी सरकार के इस निर्णय से न केवल वाहन सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि नए और मजबूत पुलों का निर्माण भी शुरू होगा, जोकि लंबी अवधि तक चलेंगे.
दरअसल, बिहार में पुल हादसों के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा पुलो की जांच कराने का निर्णय लिया गया था. इसमें बागपत में काली नदी पर बना पुल भी जांच में जर्जर पाया गया. पीडब्ल्यूडी विभाग की जांच के बाद काली नदी पर बने पुल को बंद कर दिया गया है. भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दूसरे पुल निर्माण की प्रकिया शुरु कर दी गई है. बड़ौत से मेरठ जाते समय बरनावा गांव पर यह पुल पड़ता है.