(Pi Bureau)
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मौसम को लेकर ताजा अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से, राजस्थान के पूर्वी हिस्से, गुजरात, कोंकण क्षेत्र, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
पांच राज्यों में अत्यधिक बारिश का अलर्ट
आईएमडी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार का कहना है कि मानसून अपने सक्रिय चरण में आ गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से, राजस्थान के पूर्वी हिस्से, गुजरात, कोंकण क्षेत्र, गोवा और मध्य महाराष्ट्र अत्यधिक बारिश की संभावना जताई है। इसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो दिन दिल्ली में बारिश नहीं होगी। उन्होंने आगे बताया कि आने वाले दिनों में केरल, कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और तमिलनाडु में भी भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। उन्होंने आगे कहा कि जब मानसून अपनी निकट स्थिति में आएगा तो दिल्ली में हल्की बारिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश में पहाड़ी नदी का जलस्तर बढ़ा
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पहाड़ी नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते पोहरी में केदारेश्वर मंदिर में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बचाया गया। पुलिस से उपमंडल अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसके बाद राज्य आपदा मोचन बल की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। रात 10 बजे तक सभी लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से कई सड़कें ध्वस्त
उधर, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ की वजह से कई सड़कें ध्वस्त हो गईं हैं। राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ साथ 191 सड़कें भूस्खलन की वजह से बंद हो गई हैं। राज्य में भारी बारिश की वजह से 294 विद्युत योजनाएं और 120 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं हैं।
हिमाचल में लापता लोगों की संख्या बढ़ी
हिमाचल में पांच दिन पहले बादल फटने की घटना के बाद से लापता लोगों की संख्या दो और बढ़ गई है। श्रीखंड यात्रा के पहले पड़ाव सिंघगाड में ठहरे दो लोग भी लापता हो गए थे। रविवार को इसकी प्रशासन ने पुष्टि की है। इस तरह तीन जिलों में छह जगहों पर बादल फटने की घटनाओं के बाद 45 लोग लापता हैं। इनमें रामपुर के समेज में 36, बागीपुल में पांच, मंडी के राजबन और कुल्लू जिले के श्रीखंड में दो-दो लोग लापता हैं। इस प्राकृतिक घटना में मृतकों की संख्या भी बढ़कर 11 हो गई है। मंडी में तलाशी अभियान के पांचवें दिन रविवार को राजबन में सोनम (23) और उसकी तीन माह की बेटी मानवी के शव मिले। तीन माह की बेटी को बचाने के लिए मां ने उसे अंतिम समय तक सीने से लगाए रखा। इस बीच, शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग को सड़कें दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
झारखंड में भारी बारिश के बाद उफान पर नदियां
उधर, झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने रविवार को भारी बारिश के बाद नदियों में उफान को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश की वजह से खरखाई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। स्वर्णरेखा नदी में रविवार की सुबह नौ बजे स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर 116.58 मीटर दर्ज किया गया। स्वर्णरेखा नदी का खतरे का निशान 121.50 मीटर है। इसके अलावा खरखाई नदी का जलस्तर 126.83 मीटर दर्ज किया गया। खरखाई नदी का खतरे का निशान 129 मीटर है। नदियों के आस पास रहने वाले लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है।
पुणे में सेना के जवानों को तैनात किया गया
भारी बारिश और खडकवासला बांध से पानी छोड़े जाने के चलते पुणे में आवासीय क्षेत्र में आई बाढ़ से बचाव कार्य में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। खडकवासला के अलावा मुलशी, पावना और अन्य बांधों से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। उन्होंने नदी और बांध किनारे वाले रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को कहा है और इसमें सेना, एनडीआरएफ और एसआरएफ की मदद लेने को भी कहा है। उधर, नासिक में भारी बारिश के बाद गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में बादल फटा
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में बादल फटने से श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात हुई प्राकृतिक घटना के बाद अचानक आई बाढ़ में कुछ घरों और धान के खेत को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। मंडी के राजबन में एक-दूसरे से लिपटे मां-बेटी के शव बरामद हुए हैं। गांदरबल जिले के एडीसी गुलजार अहमद ने बताया कि बादल फटने में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सड़कों पर काफी मलबा आ गया है, जिसे साफ कराया जा रहा है। जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। जिला पुलिस, प्रशासन और निजी प्रतिष्ठान मिलकर काम कर रहे हैं। बादल फटने के बाद पुलिस के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। कुछ लोगों को पास के घरों में शिफ्ट किया। यदि कोई गंभीर स्थिति पैदा हुई तो लोगों को दूसरे क्षेत्रों में शिफ्ट कर देंगे।
कश्मीर घाटी का लद्दाख से संपर्क टूटा
राजमार्ग के बंद होने से कश्मीर घाटी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से कट गई है जबकि अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। गांदरबल के एसडीएम बिलाल मुख्तार ने अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले लोगों को सलाह देते हुए कहा मौसम की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा की तरफ बढ़ें। खराब मौसम से कटड़ा में हेलिकाॅप्टर सेवा वाधित रही।
उत्तराखंड में अब तक 17,000 लोग निकाले गए
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बताया कि राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे अब तक लगभग 17,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बारिश से प्रभावित केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों सहित 370 से अधिक लोगों को निकाला गया है और हवाई मार्ग से ले जाने के लिए लिनचोली भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुलों, बिजली और दूरसंचार की लाइनों को सही करने का काम चल रहा है। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ में 570 यात्री अभी फंसे हैं जिन्हें हेलिकॉप्टर से निकाला जाना है। रामबाड़ा-चौमासी पैदल मार्ग पर भी 110 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। बुधवार की रात लिंचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने से केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगह बह गया था। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलिकॉप्टर की भी मदद ली गई।