(Pi Bureau)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अनंतिम रूप से पेपर लीक मामले की मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश से संबंधित 1.02 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की है. ये उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) आरओ/एआरओ परीक्षा लीक मामले के मुख्य आरोपी हैं. यह कार्रवाई पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है. यूपी एसटीएफ सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन को अरेस्ट करने के बाद गहन पूछताछ हुई थी.
इसमें उसने कबूल किया था कि उसने समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा में भी पेपर लीक किया था. इसके बाद अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था. नैनी प्रयागराज में आरोग्यम हॉस्पिटल का मालिक राजीव नयन ही है. यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में करीब 48 लाख लोग शामिल हुए थे, लेकिन पेपर लीक के कारण इस परीक्षा को रद्द करना पड़ा था. इसके बाद से पेपर लीक कांड के आरोपियों पर शिकंजा कस दिया गया है.
ईडी ने PMLA के तहत की है कार्रवाई, बच नहीं पाएंगे आरोपी
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत कार्रवाई की है. दरअसल यह एक्ट इतना अधिक सख्त है कि इसमें अफसर, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री बच नहीं पाए हैं. इसी एक्ट से ईडी को पावरफुल माना जाता है और वह इसके तहत सख्त कार्रवाई कर सकती है. इसी एक्ट की शक्ति से वह किसी को गिरफ्तार करने और उससे पूछताछ करने का अधिकार रखती है. इस कानून के तहत आरोपी को जमानत आसानी से नहीं मिल पाती है.
योगी सरकार बेहद सख्त, अब ईडी भी करेगी कार्रवाई
सरकार पेपर लीक और सॉल्वर गैंग को लेकर बेहद सख्त कार्रवाई के संकेत दे चुकी है. मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा समेत अन्य पर गैंगस्टर का केस दर्ज कराया गया था. इससे इनकी जमानत आसान नहीं होगी. आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा यूपी के कई शहरों में हुई थी और इसका पेपर लीक करते हुए राजीव नयन मिश्रा ने लाखों रुपए कमाए थे. पेपर लीक कांड के आरोपी अलग-अलग जेलों में बंद हैं और अब इन पर ईडी की कार्रवाई भी होगी.