(Pi Bureau)
ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी अब दूसरी कतार के नेताओं को तैयार कर रही है. उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. समाजवादी पार्टी के जो सांसद चुनाव जीते हैं, ज्यादातर जगहों पर उनके परिवार से लोग चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी अब पहली कतार के नेताओं के साथ-साथ दूसरी कतार के नेताओं की जमात भी तैयार कर रही है, ताकि आने वाले दिनों में उन्हें किसी सियासी दिक्कत का सामना न करना पड़े.
विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा ने प्रत्याशियों को संकेत देने शुरू कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद और कटेहरी से सांसद लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को मैदान में उतारने के लिए हरी झंडी दे दी गई है. हालांकि, आधिकारिक घोषणा उपचुनाव घोषित होने के बाद ही की जाएगी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नजदीकी नेताओं के मुताबिक, करहल से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव का लड़ना तय है. सीसामऊ से इरफान सोलंकी के परिवार के ही सदस्य (मां या पत्नी) को चुनाव लड़ाने पर सहमति बन गई है. सूत्रों का कहना है कि कुंदरकी से पूर्व एमएलए हाजी रिजवान और मीरापुर से पूर्व सांसद कादिर राणा को भी इशारा कर दिया गया है. शेष चार सीटों पर अभी मंथन चल रहा है. इनमें से दो सीटें इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में भी जा सकती हैं. इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर अगर गौर करें तो साफ तौर से दिखाई देता है कि समाजवादी पार्टी ज्यादातर जगहों पर पहली पीढ़ी के लोगों के लोकसभा सांसद बन जाने के बाद दूसरी पीढ़ी के लोगों की कतार तैयार कर रही है.
सर्वे और रिसर्च का भी काम कर रही है सपा
समाजवादी पार्टी अपनी दावेदारी को और मजबूत करने के लिए इन तमाम जगहों पर सर्वे और रिसर्च का भी काम कर रही है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि चुनाव के ऐलान से पहले ही ज्यादातर जगहों पर उम्मीदवारी पहले ही तय कर दी जाए. समाजवादी चिंतक दीपक मिश्रा का मानना है कि इस बार का चुनाव इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए गठबंधन होगा जिसमें लड़ाई कांटे की होगी. लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद समाजवादी पार्टी काफी उत्साह में है. देखने वाली बात यह होगी कि आखिर विधानसभा के उपचुनाव में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है. हालांकि दूसरी कतार की सियासी जमात जो तैयार हो रही है उसके कंधे पर भी काफी जिम्मेदारी होगी.