(Pi Bureau)
मुंबई : 1 फ़रवरी को संसद में 2018 का बजट पेश हुआ. वहीँ दूसरी तरफ इस बजट का असर भी देखने को मिल गया. बजट ने घरेलू शेयर बाजारों को निराश कर दिया. बजट में मिडिल क्लास और नौकरी-पेशा लोगों को राहत नहीं मिली है. इसके साथ ही, उपभोक्ता वस्तुओं में कर्इ इम्पोर्टेड उत्पादों पर सीमाशुल्क लगा दिया गया है, जिससे उनकी कीमतों में इजाफा होने के आसार हैं. इन सामानों पर सीमाशुल्क में वृद्धि किये जाने का असर बाजार पर भी देखने को मिला. इस वजह से आम बजट के दिन गुरुवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बेहद उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में 58 अंक टूट गया.
दोपहर के कारोबार में बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 460 अंक तक नीचे आ गया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शेयर बाजारों के एक लाख रुपये से अधिक के लाभ पर दीर्घावधि का 10 फीसदी का पूंजीगत लाभ कर लगाने की घोषणा की थी, जिससे बाजार में गिरावट आयी.
इसके अलावा, 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 फीसदी से 3.5 फीसदी करने के अनुमान से भी बाजार धारणा पर असर हुआ.
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 फीसदी तय किया गया है, जबकि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून में इसके लिए तीन फीसदी का लक्ष्य रखा गया है. बाजार में भारी बिकवाली दबाव था, लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे में घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से इसका असर कम हो गया.
बंबई शेयर बाजार 30 शेयरों वाला सेंसेक्स गुरुवार को सकारात्मक रुख के साथ 36,048.99 अंक पर खुला और 36,256.83 अंक तक गया.
हालांकि, बाद में यह 35,501.74 अंक के निचले स्तर तक आ गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 58.36 अंक या 0.16 फीसदी के नुकसान से 35,906.66 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी उतार-चढ़ाव के बीच 10.80 अंक या 0.10 फीसदी टूटकर 11,016.90 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 11,117.35 से 10,878.80 अंक के दायरे में रहा.