(Pi Bureau)
लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत दुसरे महानगरो में में अवैध बूचड़खानों पर हो रही कार्यवाही के चलते आज तीसरे दिन भी मांस विक्रेताओ की हड़ताल और व्यापक होती जा रही है, अब इस हड़ताल में मटन और चिकन विक्रेताओ के बाद मछली विक्रेता भी शामिल होगये है जिसके चलते इन शहरों के नॉन वेज खाने वालो को बहुत दिक्कत आ रही है.
प्रदेश में इस हड़ताल के चलते नॉन वेज होटल अब बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं. बताते चले की पिछले 125 सालो से लखनऊ में जायके के बादशाह और दुनिया भर में मशहूर टुंडे कबाबी पहली बार बंद हुआ,साथ ही साथ मशहूर कुलचे नहरी वाले रहीम के यहाँ भी सन्नाटा पसरा हुआ है और शटर गिरे पड़े है.
हलाकि यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई केवल अवैध बूचड़खानों पर ही है. जिनके पास लाइसेंस है उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. सरकार ने चिकन और अंडे की दुकानों को बंद करने का निर्देश नहीं दिया है.
बताते चले पिछले दिनों चली हड़ताल में अब मटन और चिकन विक्रेताओं के बाद अब मछली और अंडे का थोक व्यपार करने वाले व्यपारी-कारोबारियों ने भी इस बेमीयादी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मण्डल के पदाधिकारी मुबीन कुरैशी ने कहा, ‘हमने अपनी हड़ताल को और तेज करने का फैसला किया है. मांस की सभी दुकानें बंद रहेंगी. मछली विक्रेताओं ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है. उन्होंने आगे कहा कि बूचड़खानों पर कार्रवाई के कारण लाखों लोगों की रोजीरोटी पर संकट पैदा हो गया है.
तो वहीँ दूसरी तरफ शहर के मशहूर नॉन वेज होटल नौशीजां के मालिक और हुसैनी टाइगरस के नेता शामिल शम्सी ने प्रदेश में अवैध बूचड़खाने बंद किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सूबे में मांस की किल्लत हुई तो हम दिल्ली से मटन मंगवाएंगे और भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अवैध बूचड़खानों में कुत्तों तक को काटा जा रहा है. शम्सी ने एक सवाल पर कहा कि यह धर्म से जुड़ा मामला नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोगों की सेहत से जुड़ा मसला है. हर किसी को अच्छी गुणवत्ता का मांस और मछली खाने का अधिकार है.