(Pi Bureau)
नई दिल्ली : तेल का भंडार कहे जाने वाले वेनेजुएला के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं है. हालात यह हो गये हैं कि यहाँ दूध के दाम इस कदर बढ़ा दिए गये हैं कि सुनकर होश उड़ जायेंगे. वेनेजुएला में दूध 80 हजार रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. मौजूदा समय में वहां के हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग देश छोड़कर उसकी सीमा से सटे कोलंबिया में भागने को विवश हैं. वहीं कोलंबिया ने इस संकट से निपटने के लिए दुनिया से मानवीय आधार पर मदद मांगी है. इस आर्थिक संकट को लेकर दोनों देश एक दूसरे पर आरोप थोपते भी दिखाई दे रहे हैं. दोनों देशों हमले की भी आशंका जताई है.
बहरहाल कोलंबिया का दावा है कि करीब दस लाख लोग वेनेजुएला से उनके यहां पर आ चुके हैं. यहां पर मौजूदा समय में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ दवाओं की भी भारी कमी है. डॉक्टर अपने मरीजों को भी दूसरे देशों में जाकर इलाज कराने की सलाह दे रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से भी वेनेजुएला आज एक खतरनाक देशों में शुमार हो रहा है. इसके अलावा अमेरिका ने वेनेजुएला में सेना द्वारा तख्तापलट की भी आशंका जताई है.
वेनेजुएला का यह संकट रातों-रात पैदा नहीं हुआ है बल्कि लगभग दो वर्षों से इसी तरह के हालातों में वहां के लोग जीने को मजबूर हैं. आलम यह है कि वहां की करेंसी में आई गिरावट की वजह से एक लीटर दूध 80 हजार से अधिक रुपये में बिक चुका है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वहां पर एक ब्रेड की कीमत भी हजारों में हो चुकी है. वहीं तीन लाख रुपयों में महज एक किलो मीट ही आ पाएगा. यदि ये कहा जाए कि इस देश में बोरे में भरकर नोट ले जाने पर आप शायद एक समय का खाना ही खा पाओगे तो गलत नहीं होगा.
वेनेजुएला में आए इस संकट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट को माना जा रहा है. इसके अलावा सरकार की गलत नीतियां भी कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार ह. । सरकार की नीतियों की वजह से और वहां फैली भुखमरी के चलते हर रोज वहां की सड़कों नागरिक प्रदर्शन कर रहे हैं. आलम यह है कि वेनेजुएला के पड़ोसी देश मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, स्पेन समेत यूरोपीयन यूनियन भी अब उसके पूरी तरह से खिलाफ हो चुके हैं.
हालांकि रूस इस मुद्दे पर वेनेजुएला के साथ खड़ा होता जरूर दिखाई दे रहा है. वहीं अमेरिका वहां आए आर्थिक संकट को लेकर वेनेजुएला की सरकार और राष्ट्रपति को खरी-खोटी सुना चुका है. राष्ट्रपति ट्रंप के एक बयान के बाद वेनेजुएला के राष्ट्रपति की तरफ से यहां तक कहा जा चुका है कि उनके ऊपर इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि ट्रंप उनको लेकर क्या कहते हैं और सोचते हैं, बल्कि इससे फर्क पड़ता है कि उनकी अपनी जनता उनके बारे में क्या कहती है.