दिव्या भारती :: महज चार साल के करियर में ही छोड़ी थी गहरी छाप..आज भी रहस्य बनी हुई है इनकी मौत..!!!

(Pi Bureau)

मुंबई : हमारे यहाँ शादी हो और डीजे पर ‘सात समंदर पार’ ये गाना न बजे तो शादी अधूरी सी लगती है. और ये तो आप जानते ही होंगे कि यह गाना किस पर फिल्माया गया था. जी हाँ युवाओं पर अपनी दिलकश अदाओं की छाप छोड़ने वाली मशहूर अदाकारा दिव्या भारती पर यह गाना फिल्माया गया था. महज 19 साल की कम उम्र में ही दुनिया छोड़ देने वाली दिव्या भारती अगर आज हमारे बीच होती, तो वह अपना 44वां जन्मदिन मना रहीं होती.

25 फरवरी 1974 को मुंबई में जन्मीं दिव्या अगर जिंदा होती तो बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों के साथ अपना 44वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रही होतीं, लेकिन उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. 1992 में  धमाकेदार एक्शन थ्रीलर फिल्म ‘विश्वात्मा’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली दिव्या साउथ की कई सुपरहिट फिल्मों में अपनी अदाकारी के जलवें बिखेर चुकीं थीं.

महज 4 साल में ही दिव्या भारती ने अपने फिल्मी करियर में कई सफल फिल्में देने के बाद उस मुकाम पर पहुंच चुकीं थीं जहां पहुंचने में कई फिल्मी हस्तियों को सालों लग जाते हैं. महज 14 साल की छोटी उम्र में ही दिव्या भारती को फिल्में ऑफर होने लगी थी, लेकिन 16 साल की उम्र में उन्होंने 1990 में आई तेलुगू फिल्म ‘बोब्बिली राजा’ में एक अहम किरदार निभाते हुए अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की.

साल 1992 में आई फिल्म विश्वात्मा के गाने “सात समुन्दर पार गाने” से उन्हें मनोरंजन की दुनिया में एक अलग पहचान मिली, और इसी के साथ वह बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में शुमार हो चुकीं थीं. वहीं रिशी कपूर और शाहरुख के साथ 1992 में  रिलीज हुई फिल्म दीवाना में दिव्या भारती की अदाकारी ने लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया.

अपने चार साल के करियर और महज 19 साल की उम्र में दिव्या करीब 14 फिल्मों में काम कर चुकीं थीं, जिनमें 7 हिन्दी और 7 साउथ की फिल्में शामिल हैं. हिन्दी सिनेमा जगत में उनकी आखरी फिल्म ‘शतरंज’ थी. इस फिल्म में अभिनेता जैकी श्रॉफ, मिथुन चक्रवर्ती और जूही चावला सहित कादर खान जैसी दिग्गज हस्तियां अहम भूमिका में थीं.

फिल्म ‘शोला और शबनम’ की शूटिंग के दौरान फिल्म के हीरो गोविंदा ने उन्हें निर्देशक-निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था. इस बीच दोनों में नजदीकियां बढ़ी और जल्द ही दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया. साजिद से शादी के लिए दिव्या ने इस्लाम धर्म कबूला और 10 मई 1992 को उनके साथ शादी के बंधन में बंधी.

अपनी शादी के महज 1 साल बाद 5 अप्रेल 1993 को दिव्या की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इतने सालों बाद भी दिव्या भारती की मौत एक बड़ा रहस्य बनी हुई है. उन दिनों शहर में चर्चा-ए-आम था कि दिव्या की आक्समिक मौत के पीछे साजिद का हाथ था! उनकी मौत मुंबई स्थित वर्सोवा में तुलसी भवन अपार्टंमेंट की पांचवीं मंजिल से नीचे गिरने से हुई थी. जांच रिपोर्ट के मुताबिक उनके सिर में गहरी चोट आई थी.

हांलाकि उनके गिरने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि अब तक नहीं की गई है. इस बात पर भी रहस्य बरकरार है कि वो एक हत्या थी, आत्महत्या या दुर्घटना? बहरहाल, उनके माता पिता ने इसे एक दुर्घटना बताया था. काफी छानबीन के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला तो साल 1998 में मुंबई पुलिस ने उनकी मौत की जांच को आकस्मिक मौत करार देते हुए दिव्या भारती की मौत की  फाइल बंद कर दी.

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