(Pi Bureau)
मुजफ्फरनगर : राज्य सरकार द्वारा संचालित छात्राओं के आवासीय विद्यालय परियोजना में एक शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है. घटना मुज़फ्फरनगर जिले की है जहाँ विद्यालय मेंपध रही बालिकाओ के कपडे उतरवाए गए है
मुजफ्फरनगर के खतौली गांव तिगाई के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं के कपड़े उतरवाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस हरकत का पता चलते ही अभिभावक भी स्कूल पहुंचने लगे। अभिभावकों को देखकर भावुक हुए छात्राओं ने कहा कि हमें घर ले चलो, यहां नहीं पढ़ना है। नाराज अभिभावकों का वार्डन को गुस्सा झेलना पड़ा। इस हरकत के चलते अध्ययनरत 65 छात्राओं में से लगभग 35 छात्राओं को उनके अभिभावक अपने साथ घर लेकर चले गए।
इस पूरे प्रकरण की अधिकारियों की टीम ने जांच पूरी कर ली है। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी।
बताते चले की कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय में समाज के वंचित गरीब एवं मजदूर दलित और पिछड़े समाज की ड्राप आउट बालिकाओ की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए खोले गए थे. । बुधवार को अभिभावकों ने वार्डन द्वारा छात्राओं के कपड़े उतरवाने का विरोध करते हुए हंगामा किया था। शिकायत मिलने पर बीएसए और सीओ भी जांच-पड़ताल करने विद्यालय पहुंचे थे। बीएसए ने मामले की जांच पड़ताल के लिए बुधवार को ही जांच टीम गठित कर दी थी।
पत्रकारों के सामने छात्राओं ने वार्डन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्राओं का कहना था कि उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। बड़ी मैडम उनको मारती-पीटती भी हैं। छात्राओं का यह भी कहना था कि मैडम को जेल की सजा मिलनी चाहिए।
वहीँ दूसरी तरफ वार्डन डॉ सुरेख तोमर ने कहा, मेरे खिलाफ मेरा ही स्टाफ साजिश रच रहा है। स्टाफ ने ही मिलकर अभिभावकों और छात्राओं को भड़काया है। उन्होंने छात्राओं के कपड़े नहीं उतारे। उन पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।
उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव ने कहा, पूरे प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। डीएम को शुक्रवार को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर वार्डन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।