(Pi Bureau)
नई् दिल्ली । श्रीहरिकोटा से गुरुवार को भारत के सबसे बड़े कम्युनिकेशन सैटलाइट GSAT-6A की लॉन्चिंग के बाद काफी उत्साह था। लेकिन लॉन्चिंग के 48 घंटे बाद भी भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) के रुख की तरफ से GSAT-6A के सफल प्रपेक्षण को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
इसरो के एक सूत्रों के मुताबिक ऑर्बिट से जुड़ी प्रक्रिया शनिवार सुबह 10 बजे तक सही थी और ल्क्विड एपॉजी मोटर (एलएएम) भी प्लान के मुताबिक काम कर रहा था। लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही सैटलाइट के कम्यूनिकेशन में अवरोध देखा गया। जिसके बाद इसरो के शीर्ष वैज्ञानिकों ने बैठक बुलाई इस पर चर्चा की।
इस उपग्रह को लेकर आखिरी बुलेटिन 30 मार्च की सुबह 9.22 बजे जारी किया गया था। लेकिन उसके बाद इस पर वैज्ञानिकों ने कोई बयान जारी नहीं किया। इसरो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उपग्रह में तकनीकी खराबी आ गई है और वैज्ञानिक-इंजीनियर इसको दूर करने में जुटे हुए हैं। हालांकि इस बात को लेकर इसरो की ओर से कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है और यह भी नहीं बताया जा रहा है कि इसको ठीक किया जा सकता है या नहीं।
ISRO चेयरमैन की मैराथन बैठक
सैटलाइट की कार्यकुशलता को लेकर गुरुवार को सुबह 9.22 बजे इसी तरह की पहली एक्सर्साइज के बाद आधिकारिक बयान में जिक्र था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके साथ ही तीसरे ऑर्बिट की एक्सर्साइज के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया। इन सबके बीच शनिवार को इसरो के चेयरमैन के शिवन ने वैज्ञानिकों के साथ मैराथन बैठक की थी।