(Pi Bureau)
लखनऊ । प्रदेश में पिछले दिनों चल रहे चुनाव के दौरान मुस्लिम वोटरों को लुभाने का सपा- बसपा ने काफ़ी प्रयास किया था और चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी को मिले अपार जन समर्थन के बाद कहा जाने लगा कि ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं ने महिलाओं को वोट दिया है । गौरतलब है कि विश्व हिन्दु परिषद ने तीन तलाक मुद्दे पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था जिसका मुस्लिम महिलाओं ने जम कर समर्थन किया था । कई महिला मुस्लिम संगठनों ने भी सोशल मीडिया पर तलाक देने को नाजायज ठहराते हुए विरोध किया था ।
सोमवार को ऐसा ही एक मामला तब देखने में आया जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के जनता दरबार में फरियाद लगाने के लिए आज एक मुस्लिम महिला अपने बच्चों के साथ पहुंच गयी जिसे उसके पति ने मोबाइल पर तलाक दे दिया था। इस महिला ने बताया कि कैसे उसका पता शादी के बाद से उसका शोषण करता आया है और अब उसने फोन पर उसे तलाक दे दिया है। मुख्यमंत्री के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंची इस महिला का नाम सबरीन है और ये अपने बच्ची को गोद में लिए सीएम के जनता दरबार में पहुंची है ।
पीडि़ता साबरीन का कहना था कि निकाह के बाद उसके ससुराल वाले दहेज में कार की मांग कर रहे थे। कार के साथ ही बाद में वह लोग दहेज में 20 लाख रुपए की भी मांग करने लगे। इस दौरान उसने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म लेने के बाद ससुराल वालों के साथ पति भी नाराज हो गए और उन्होंने उसके मोबाईल पर फोन करके तलाक दे दिया। इसे पीडि़ता ने सही ढंग से सुना भी नहीं था।