(Pi Bureau)
नई दिल्ली : दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून हेई को भ्रष्टाचार के मामले में 24 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही पार्क पर 18 अरब वोन (110 करोड़ रु) का जुर्माना लगाया है. पार्क (66) पर अपनी सहेली चोई सुन सिल के माध्यम से रिश्वत लेकर स्मार्ट फोन बनाने वाली विश्व की अग्रणी कंपनी सैमसंग और बहुराष्ट्रीय कंपनी लाट्टो को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
इसके अतिरिक्त उन पर अधिकारियों के साथ दुव्र्यवहार करने और सरकार के गोपनीय दस्तावेज लीक करने के भी आरोप हैं. पार्क लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई देश की ऐसी पहली नेता हैं, जिन्हें गत वर्ष संवैधानिक कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में पद से हटने के लिए आदेश दिया था.
पूर्व राष्ट्रपति के इस तरह के कदम से देश की कानून-व्यवस्था गड़बड़ा गई और उथल-पुथल मच गई. जिसके बाद महाभियोग लाकर उन्हें पिछले साल पद छोडऩे पर मजबूर किया गया देश के लिए यह दुर्भाग्य पूर्ण क्षण था.
न्यायाधीश ने कहा कि पार्क ने कहीं से भी पक्षपात जैसा व्यवहार नहीं दिखाया. इसके उलट उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को अपनी सहेली चोई और अपने सचिव पर मढ़ दिए. पार्क ने चोई के साथ मिलकर सैमसंग से 29.8 अरब वोन रिश्वत लिए थे. सुनवाई के दौरान पार्क अदालत में उपस्थित नहीं थी और उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताया. करीब 1000 की संया में उनके समर्थक अदालत के बाहर एकत्र हो गए थे और बदले की कार्रवाई रोकने की मांग कर रहे थे. पार्क गत 31 मार्च से जेल में बंद हैं। संसद में महाअभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद संवैधानिक अदालत ने 10 मार्च को पार्क को राष्ट्रपति पद से हटाने का आदेश दिया था.