(Pi Bureau)
नई दिल्ली : बेबी केयर मार्केट में दुनिया की सबसे मशहूर कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कंपनी अपना सातवाँ केस भी हार गयी है. अमेरिकी कोर्ट ने उसे ग्राहक को 760 करोड़ मुआवजा देने का आदेश दिया है. निचली कोर्ट ने 240 करोड़ रुपए मुआवजा तय किया था, जिसे इस कोर्ट ने करीब तीन गुना बढ़ाकर 760 करोड़ रुपए कर दिया. न्यूजर्सी के 46 वर्षीय इन्वेस्टमेंट बैंकर स्टीफन लैंजो III और उनकी पत्नी केंड्रा ने जॉन्सन एंड जॉन्सन के बेबी पाउडर से मेसोथेलियोमा होने का दावा करते हुए मुआवजा मांगा था. मेसोथेलियोमा एक तरह का कैंसर है जो ऊतक, फेफड़ों, पेट, दिल और अन्य अंगों को प्रभावित करता है. कंपनी के बेबी पाउडर में एसबेस्टस होने की वजह से मेसोथेलियोमा होने का कंपनी के 120 साल के इतिहास में यह पहला मामला है. इस साल जनवरी में दर्ज केस में लैंजो ने आरोप लगाए थे कि वे 30 साल से कंपनी का बेबी पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें एसबेस्टस होने की वजह से उन्हें मेसोथेलियोमा हो गया है.
लैंजो ने कहा कि कंपनी ने अपने उत्पादों पर किसी भी तरह की बीमारी या खतरा होने की कोई चेतावनी नहीं दी, जबकि कंपनी इस बारे में जानती है. जवाब में जॉन्सन एंड जॉन्सन ने दलील दी की लैंजो जिस घर में रहते हैं उसके बेसमेंट में लगे पाइप में एसबेस्टस लगा है. कंपनी ने यह भी दलील दी कि लैंजो जिस स्कूल में पढ़ते थे, उसमें भी एसबेस्टस था, लेकिन कोर्ट ने इनकी दलील नहीं सुनी और याचिकाकर्ता को मुआवजे की रकम तीन गुना बढ़ा दी. इसका 70 फीसदी जॉन्सन एंड जॉन्सन जबकि बाकी 30 फीसदी पाउडर सप्लाय करने वाली कंपनी इमेरीज टैल्क चुकाएगी. हालांकि दोनों कंपनियों ने अपने उत्पादों को बेहतर बताते हुए इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है.