(Pi Bureau)
नई दिल्ली : यूएस के द्वारा सीरिया पर दागी गईं मिसाइलों के बाद रूस की जनता को यह कहा गया है कि वे तीसरे विश्व युद्ध के लिए तैयार हो जाएं. रूस ने कहा है कि इसकी शुरुआत अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर मिसाइल हमले से कर दी है.
एक रूसी टीवी चैनल ने यह रिपोर्ट दी है. क्रेमलिन के अपने चैनल ने माध्यम से जीने के लिए जरूरी आपूर्ति का सुझाव दिया और लोगों से कहा कि बम शिविर में शरण लेने के दौरान शरीर को रेडिएशन से बचाने के लिए आयोडीन पैक करें. सीरिया में जारी युद्ध के बीच यह रिपोर्ट रोसिया-24 ने दी है. इसके साथ ही शीर्ष सैन्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दुनिया पहले ही दूसरे क्यूबाई मिसाइल संकट की गवाह बन चुकी है.
अलेक्जेंडर गोल्ट्स ने मास्को में रेन टीवी से कहा है कि एक साल जब मैंने कहा था कि हमने एक नए विश्व युद्ध में कदम रख दिया है, कोई यह बात मानने को तैयार नहीं था. अब सभी मानते हैं, लेकिन यह साफ है कि दूसरे विश्व युद्ध की घटनाएं बहुत जल्दी ही सामने आई है. यह सिर्फ शुरुआत है. हम जाहिर तौर पर क्यूबाई मिसाइल संकट 2 में दाखिल हो चुके हैं.
बमरोधक शिविरों में पनाह लेने की नौबत आने पर किन-किन चीजों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए, चैनल में इस बारे में भी विस्तार से बताया गया है. चैनल ने कहा, ‘युद्ध के समय भोजन की आपूर्ति के साथ कई चीजों को रखने का सुझाव दिया गया, लेकिन इस खास इंतजाम के पीछे की असली वजह यह है कि लोग आपातकाल के लिए मीठे की तुलना में पानी का ज्यादा से ज्यादा स्टॉक रखें. टीवी देखने वालों को चावल पैक करने के लिए कहा गया, जिसे करीब 8 साल तक संरक्षित रखा जा सकता है और ओटमील को तीन से सात साल तक स्टॉक में रखा जा सकता है.
जानकार बताते हैं यह भी अत्यंत जरूरी है कि रेडिएशन से शरीर की हिफाजत के लिए आयोडीन के साथ ही दवाओं की आपूर्ति भी हो.’ हालांकि इसी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि विनाशकारी वैश्विक संघर्ष से जुड़ी पश्चिमी जगत की कई भयावह खबरें चल रही हैं. इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सबसे ज्यादा भय का माहौल है, ‘यह मजेदार है कि रूसी इन निर्रथक बात पर यकीन करते हैं या नहीं. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने के बाद बम से बचाव के लिए शिविर बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों के व्यवसाय में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.