(Pi Bureau)
अक्सर विवादों और चर्चा में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में आ गए है . मामला यह है के उन्होंने आमआदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के उस मामले की पैरवी कर रहे है जिसमे उनपर मान हानि का मुकदमा केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने किया है. उक्त मामले की पैरवी की फीस का बिल, लगभग 3.42 करोड़ jab उन्होंने अरविन्द केजरीवाल को थमाया तो उस पर सियासी बयानबाजी होने लगी जिसके चले जेठमलानी ने फीस माफ़ करने का ऐलान कर दिया. अब इस पर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि चाचा के पैस पैसे की कोई कमी नहीं है। लालू ने कहा कि उन्होंने हमारा केस भी फ्री लड़ा था, हमलोगों ने उन्हें कोई पैसे नहीं दिए थे।
बताते चले लालू यादव के चारा घोटाले में राम जेठमलानी ही उनके वकील थे । ऐसा कयास लगाया जाता है कि इसी के एवज में राम जेठमलानी को आरजेडी कोटे से राज्यसभा सांसद बनाया गया है। जेठमलानी ने कहा है कि वह सिर्फ अमीरों से ही फीस लेते हैं, जबकि गरीबों के लिए वह मुफ्त में काम करते हैं।
जेठमलानी ने उधर दिल्ली में कहा कि यह सब अरुण जेटली का ही किया धरा है, कोर्ट में आने से और मेरे द्वारा क्रॉस एग्जामिनेशन से मंत्री जी डर रहे हैं। जेठमलानी ने आगे कहा मैं किस से पैसा लूँगा किस से पैसा नहीं लूँगा यह सिर्फ मैं तय करूँगा कोई दूसरा नहीं ।
दरअसल सोमवार को खबरें आई थीं कि अरविंद केजरीवाल को जेठमलानी ने 3.42 करोड़ का बिल भेजा है, जो उनकी केस लड़ने की फीस है। अरुण जेटली द्वारा दायर किए गए मानहानि केस में केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी हैं। जेठमलानी ने रिटेनरशिप के लिए एक करोड़ रुपये और उसके बाद प्रति सुनवाई 22 लाख रुपये फीस रखी है। इस तरह उनकी कुल फीस 3.42 करोड़ रुपये हो गई। दिल्ली सरकार ने बिल का भुगतान करने के लिए उपराज्यपाल को खत लिखा है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस केस जुड़े बिलों पर दस्तखत कर उसे पास करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया है।