रामायण सर्किट से म्यूजियम तक का रास्ता साफ !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ : भगवान राम के जन्मोत्सव पर योगी सरकार ने एक बार फिर मर्यादा पुरुषोतम की जन्मभूमि के कई योजनाओ का मार्ग प्रशस्त कर दिया है । मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर रामायण सर्किट से लेकर रामायण म्यूजियम सहित पर्यटन के लंबित मामलों पर विस्तार से चर्चा की. इस बातचीत से ज़मीन और संसाधन की बाधाएं दूर करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।

बताते चले कि उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम से जुड़े हुये स्थानो को समाहित कर रामायण सर्किट बनाए जाने की घोषणा केंद्र की मोदी सरकार ने की थी।रामायण सर्किट सबसे बड़ा हिस्सा यूपी में ही गुजरता है।

हालांकि पिछली अखिलेश यादव सरकार में बहुत से विषयों पर आपसी सहमति नहीं बन सकने के कारण यह प्रोजेक्ट ठन्डे बस्ते में पड़ा रहा । इस पुरे प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी हिस्सा अयोध्या में रामायण म्यूजियम है। नरेन्द्र मोदी सरकार इसके लिए 154 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित कर चुकी है, पर प्रदेश सरकार से जमीन न मिलने के चलते इसका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा। डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि 25 एकड़ जमीन देने के लिए सीएम ने सहमति दे दी है। इसके अलावा यूपी में पर्यटन की योजनाओं के लिए 600 करोड़ रुपये और आवंटित किए गए थे। इसमें 400 करोड़ जारी भी कर दिए गए, लेकिन प्रदेश सरकार वह खर्च नहीं कर सकी।

 

अयोध्या में सरयू घाट के समीप 25 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है जिस पर अक्षरधाम के तर्ज पर म्यूजियम का खाका तैयार किया गया है। इसमें भगवान राम के जीवन से जुड़ी सभी प्रमुख कथाओं का अंकन और चित्रण होगा। वहीं, लोग ऑडियो-विजुअल मोड से भी रामकथा और राम के जीवन दर्शन से रूबरू हो सकेंगे। इसमें लेजर शो, वॉटर स्क्रीन प्रोजेक्शन जैसे आकर्षण भी होंगे।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बताया कि रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट और बुद्ध सर्किट तीनो ही उत्तर प्रदेश में आते है , अत भाजपा की सरकार बनने के बाद केंद्र की इन महत्वाकांक्षी योजनाओ को अब गति मिलेगी. उनका कहना था की पिछली सरकार ने जानबूझ कर इन योजनाओ को लंबित कर रखा था ,लेकिन अब इसको गति मिलेगी और उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगा। सीएम ने भी यूपी के आध्यात्मिक पर्यटन को विश्व मानचित्र पर स्थापित करने के लिए हर संभव सहयोग करने को कहा है।

 

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुद्ध सर्किट योजना का केंद्र बिन्दु अब गोरखपुर बनेगा। सीएम का यह संसदीय क्षेत्र नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली व कर्मस्थली रही है। योगी के सीएम बनने के बाद अब योजनाओं का रुख इधर होना तय है। गौतम बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर यहां से 50 किमी की ही दूरी पर है। साथ ही बुद्ध से जुड़े अन्य स्थान भी गोरखपुर की सीमा से जुड़े हैं। इसलिए बुद्ध सर्किट के विकास के दौरान गोरखपुर को सेंटर बनाया जाएगा, जिससे चारों तरफ कनेक्टिवटी बेहतर की जा सके। कुशीनगर में लंबे समय से लटकी मैत्रेय परियोजना को भी गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

 

बताते चले इस प्रोजेक्ट के बारे में पहले ही पॉलिटिक्स इनसाईट लिख चूका है

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