(Pi Bureau)
नई दिल्ली। उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जैसे ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज किया था। इसके बाद सीजेआई ने जजों के साथ एक बैठक की।
इस बैठक में संस्थान की गिरती छवि को सुधारने के लिए चार जजों की एक टीम बनाने का निर्णय लिया गया। यह टीम जजों से अनौपचारिक तौर पर उनकी चिंताओं को सुनेगी और सुझाव मांगेगी। इस टीम के सदस्य जस्टिस एके सीकरी, यूयू ललित, डीवाई चंद्रचूड़ और संजय किशन कौल हैं।
जजों की मॉर्निंग मीटिंग वैसे तो एक नियमित प्रक्रिया है जो हर वीक डे पर बुधवार छोड़कर होती है लेकिन सोमवार कोई साधारण दिन नहीं था इसलिए पांच मिनट की बैठक 20 मिनट तक चली।
इस बैठक में जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई से आग्रह किया कि जितनी जल्दी हो सके वह जजों की चिंताओं और मुद्दों पर बात करें। हालांकि दीपक मिश्रा के बाद सीजेआई बनने वाले जस्टिस गोगोई ने कहा कि जो कुछ भी अतीत में हुआ उसे पीछे छोड़ देना चाहिए।
अक्टूबर में गोगोई सीजेआई का कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने कहा कि जजों को आगे बढ़कर संस्थान की छवि को उज्जवल बनाने के लिए काम करना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीजेआई को जजों की चिंताओं के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि इन्हें जल्द ही अनौपचारिक बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। इसके लिए कोर्ट मीटिंग की जरूरत नहीं है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं। जहां बहुत सारे जजों ने बैठक के दौरान अपनी बात रखी।