(Pi Bureau)
इलाहाबाद। सरकार ने इलाहाबाद बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ऊषा अनंतसुब्रमण्यम व पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के दो कार्यकारी निदेशकों को हटाने की प्रक्रिया शुरूआत हो चुकी है।। PNB के दो अरब डॉलर के घोटाले में CBI द्वारा दायर आरोप-पत्र में इन अधिकारियों की भूमिका की भी बात की गई है। सरकार ने यह कदम आरोप-पत्र दायर होने के कुछ ही घंटों बाद उठाया है।
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने बताया कि पीएनबी के निदेशक मंडल ने बैंक के 2 कार्यकारी निदेशकों के वी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण के सभी वित्तीय और कार्यकारी अधिकार छीन लिए हैं। एक दो दिन में इलाहाबाद बैंक का निदेशक मंडल इसी तरह की कार्रवाई बैंक की CEO और प्रबंध निदेशिका ऊषा अनंतसुब्रमण्यम के विरोध में कर सकता है। वह बीते वर्ष 5 मई तक PNB की प्रबंध निदेशिका थीं।
इस मामले में कुमार ने बताया कि इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल को बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक ऊषा अनंतसुब्रमण्यम के सारे अधिकार उनसे वापस लेने का निर्देश से दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक के बोर्ड से निदेशकों को हटाने की एक सुनिश्चित प्रक्रिया है, जो शुरूआत की जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार, इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल की एक या दो दिन में बैठक हो सकती है। सरकार की पीएनबी में 62 फीसदी व इलाहाबाद बैंक में 65 फीसदी की हिस्सेदारी है।
कुमार ने कहा कि पीएनबी के बोर्ड ने कार्यकारी निदेशकों के कामकाज के और वित्तीय अधिकार वापस ले लिए हैं। साथ ही सरकार से उन्हें बदलने का आग्रह किया है। यह कदम सीबीआई द्वारा देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले में पहला आरोपपत्र दाखिल किए जाने के कुछ घंटे बाद उठाया गया है।
पीएनबी में 2 अरब डॉलर के घोटाले का सूत्रधार आभूषण कारोबारी नीरव मोदी है। आरोप-पत्र में पीएनबी की पूर्व प्रमुख अनंतसुब्रमण्यम की घोटाले में कथित भूमिका का उल्लेख किया गया है। अनंतसुब्रमण्यम 2015 से 2017 तक पीएनबी की प्रबंध निदेशिका व सीईओ थीं। सीबीआई ने हाल में उनसे इस मामले में पूछताछ की थी।