CM केजरीवाल और सिसोदिया पर भारी पड़ेगा मुख्य सचिव मारपीट मामला, लगीं ये धाराएं

(Pi Bureau)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट व बदसुलूकी का मामला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य विधायकों के लिए भारी पड़ सकता है। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने जिन आठ धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है, उनमें अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से पूछताछ के बाद तेज-तर्रार इंस्पेक्टरों की टीम चार्जशीट तैयार करेगी। बड़े सरकारी अधिकारी के साथ घटना होने के कारण कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले उपराज्यपाल या गृहमंत्रालय तीस हजारी कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी को मुकदमा चलाने की जरूरी अनुमति देंगे। अभी अंशु प्रकाश की शिकायत पर ही पुलिस मुकदमा दर्ज कर जाच कर रही है।

गवाही देने को तैयार मुख्य सचिव
पुलिस अधिकारी का कहना है कि आम आदमी पार्टी के सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के खिलाफ जितने भी मुकदमे हुए हैं, उनमें मुख्य सचिव के साथ मारपीट का मामला सबसे भारी है। मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मारपीट की यह घटना 19 फरवरी की है। मुख्य सचिव इस मामले में खुद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं। बताया जाता है कि उन्होंने पुलिस से कहा है कि वह मामले में गवाही देने के लिए भी तैयार हैं। पुलिस इसमें चार्जशीट दायर करने की तैयारी कर रही है।

सीआरपीसी की इन आठ धाराओं में दर्ज किया गया है मुकदमा
186: सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाना, सजा छह महीने, जमानती
353: सरकारी कामकाज के दौरान सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट, सजा 7 साल, गैर जमानती
332: सरकारी कामकाज के दौरान मारपीट करके साधारण चोट पहुंचाना, गैर जमानती, सजा सात साल
120बी: आपराधिक साजिश रचना, अपराध के अनुरूप सजा
504: जान से मारने की धमकी
342: कमरे में बंधक बनाकर रखना, जमानती, सजा छह महीना
506: जान से मारने की धमकी, जमानती, अपराध के अनुरूप सजा
323 (34): मारपीट करना

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