फ्लोर टेस्ट के पहले कर्नाटक में गिरी भाजपा की सरकार, येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा

(Pi Bureau)
नई दिल्ली। कर्नाटक के नए-नए सीएम बने येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार विश्वास मत की बाधा से पहले ही हार मान ली जिसके बाद पिछले कई दिनों से चला आ रहा सियासी ड्रामा आखिरकार समाप्त हो गया है।

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने आज सदन की कार्रवाई शुरू होते ही एक लंबा और भावुक भाषण दिया और इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने अगर भाजपा को 113 सीटें दी होती तो तस्वीर कुछ और होती।

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सभी विधायकों को व्हिप जारी करते हुए व्हिप पर हस्ताक्षर किए हैं। येदियुरप्पा और श्रीरामुलु ने विधायकी के लिए अपने सांसद पद से इस्तीफा भी दे दिया है। वहीं येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के बीच जश्न का माहौल है। 

इससे पहले कांग्रेस के दोनों विधायक आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल होटल गोल्ड फिंच में मिल गए हैं। मौके पर कर्नाटक के डीजीपी भी होटल में मौजूद हैं। होटल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। हालांकि भाजपा के लापता विधायक का अभी तक पता नहीं पाया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा को आज शाम 4 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत साबित करना है। अगर वो ऐसा कर पाते हैं, तो उनकी कुर्सी बची रहेगी। वहीं शक्ति परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सदन में भाषण शुरू किया।

उन्होंने कहा कि लोगों ने हमें सराहा। लोगों ने हमें बड़े प्यार से चुना है। मेरे पास 104 विधायक हैं। जनादेश कांग्रेस और जेडीएस के खिलाफ गया है।
शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण करने का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का आज आदेश दिया जिसमें मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है।

न्यायमूर्ति ए के सीकरी ,न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बयान दर्ज करने के बाद उक्त आदेश पारित किया। मेहता ने कहा कि कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। मेहता भाजपा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार और राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से पेश हुए थे।

आदेश में कहा गया है , ‘‘ भाजपा विधायक के जी बोपैया की अस्थाई अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली कांग्रेस – जद ( एस ) की याचिका में कई अनुरोध किए गए हैं। लेकिन जब मेहता ने बयान दिया है कि कार्यवाही का सीधा प्रसारण कराया जाएगा तो सभी अनुरोधों पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है।

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